पटना : बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को उखाड़ फेंकने के लिए महागठबंधन के सप्त ऋषियों ने गगनभेदी वाण का प्रहार शुरू कर दिया है। इस महागठबंधन से सप्त ऋषियों में कांग्रेस, राजद, लोजद, हम, माकपा, भाकपा माले एवं रालोसपा शामिल है। देश में एनडीए गठबंधन की सरकार को उखाड़ फेंकने हेतु जोड़-तोड़ शुरू कर दी है। विगत दिनों एनडीए सरकार में शामिल रालोसपा ने यूपीए के प्रति बढ़ते जनाधार को देखते हुए अपने पार्टी को अलग कर यूपीए गठबंधन में शामिल हो गये। इससे एनडीए सरकार को बहुत बड़ा धक्का लगा है।
रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा महागठबंधन में शामिल होने के बाद लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान एवं उनके पुत्र संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी मौसम को देखते हुए पल्ला बदलने के फिराक में थे कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रामविलास पासवान के साथ बैठक बुलाकर उन्हें स्पष्ट संकेत दे दिया कि एनडीए सीट बंटवारे को लेकर कोई कसर नहीं छोडऩा है। लोजपा के जीते हुए सीट बरकरार रहेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एवं राष्ट्रीय महासचिव सह बिहार प्रभारी डा. भूपेन्द्र यादव ने लोजपा सुप्रीमो के नाराजगी को सुनते हुए विमर्श कर मना लिया। एक-दूसरे से नेताओं ने कहा कि एनडीए गठबंधन में सीट को लेकर किसी तरह का खींचातान नहीं है। एनडीए से रालोसपा नाता तोडऩे से एनडीए पर किसी प्रकार का प्रभाव पडऩे वाला नहीं है। एनडीए और मजबूत हुई है। अमित शाह ने एनडीए को टूट से बचाने की भरपूर कोशिश में जुट गये हैं। आज जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दिल्ली में सीट शेयरिंग को लेकर विमर्श होगी।
वहीं महागठबंधन में सप्त ऋषियों ने दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी कार्यालय में विमर्श कर जल्द ही सीट शेयरिंग करने का सुझाव दिया है। सपा एवं बसपा के साथ गठबंधन नहीं होने से कांग्रेस सकते में है। जल्द ही सीट शेयरिंग की बात सुलभ की जायेगी। बिहार में गठबंधन एवं महागठबंधन आमने सामने है। चाचा-भतीजा के नेतृत्व में होने वाली नूरा कुश्ती में कौन किसको पछाड़ता है यह समय ही बतायेगा। एनडीए गठबंधन सुशासन के बल पर मैदान में उतरेगा वहीं पांडवी सेना राज्य सरकार के सुशासनी शासन पर हमला कर शिकस्त देने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहता है। पांच राज्यों के संपन्न हुए विधानसभा चुाव में एनडीए को मिली हार से एनडीए घटक दलों के बीच ऊहापोह की स्थित पैदा हो गयी। बिहार में सीट बंटवारे के बहाने रालोसपा एनडीए से अलग हुआ, लेकिन मुख्य वजह नीतीश कुमार एवं उपेन्द्र कुशवाहा के बीच तालमेल का नहीं होना बताया जाता है।