सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पालघर लिंचिंग मामले की सीबीआई और एनआईए द्वारा जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार समेत अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में होगी।
लिंचिंग में मारे गए साधुओं के परिजनों और जूना अखाड़ा द्वारा यह याचिकाएं दायर की गई है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार और पुलिस की जांच पर हमें भरोसा नहीं है, इसलिए इस मामले की सीबीआई और एनआईए जांच की जाए।
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न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से दो याचिकाओं पर सुनवाई के बाद महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया। पहली याचिका ‘पंच दशबन जूना अखाड़ा’ के साधुओं और मृतक साधुओं के परिजनों ने दायर की है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि पालघर जिले में 18 अप्रैल को हुई इस घटना की जांच राज्य पुलिस दुर्भावनापूर्ण तरीके से कर रही है। दूसरी याचिका इस घटना की एनआईए से जांच कराने के लिए घनश्याम उपाध्याय ने दायर की है। भीड़ द्वारा कथित रूप से दो साधुओं सहित तीन व्यक्तियों की पीट पीट कर हत्या के मामले में पालघर जिले के कासा थानांतर्गत 18 अप्रैल को प्राथिमकी दर्ज की गयी थी।