सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश विधान सभा की 28 सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा वापस लेने के निर्वाचन आयोग के आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन पीठ से निर्वाचन आयोग के वकील ने कहा कि कमलनाथ की याचिका अब निरर्थक हो गई है क्योंकि इन सीटों के लिए चुनाव प्रचार बंद हो गया है और वहां कल मतदान है। पीठ ने कहा, ‘‘हम इस पर रोक लगा रहे हैं।’’
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ का स्टार प्रचारक का दर्जा वापस लेने के निर्वाचन आयोग के 30 अक्टूबर वाले आदेश के खिलाफ उनकी याचिका पर सुनवाई कर रही थी। चुनाव में स्टार प्रचारकों का खर्च राजनीतिक दल वहन करता है जबकि दूसरे प्रचारकों का खर्च प्रत्याशी को वहन करना होता है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्मयंत्री ने अपनी याचिका में निर्वाचन आयोग का आदेश निरस्त करने के साथ ही अदालत से अनुरोध किया है कि संविधान में प्रदत्त बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार और लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव को ध्यान में रखते हुए स्टार प्रचारकों या प्रचारकों द्वारा चुनाव के दौरान दिए जाने वाले भाषणों के बारे में उचित दिशानिर्देश बनाए जाए।