सुप्रीम कोर्ट ने तंबाकू उत्पादों के पैकेट के 85 फीसदी हिस्से पर सचित्र चेतावनी प्रकाशित करने संबंधी सरकार का नियम निरस्त करने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से आज इंकार कर दिया।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने इस बीच उच्च न्यायालय से कहा है कि वह अपनी वेबसाइट पर फैसला अपलोड करे। न्यायालय इस मामले में अब आठ जनवरी को आगे सुनवाई करेगा। इस फैसले को चुनौती देते हुए अनेक याचिकायें दायर की गई हैं। इनमें गैर सरकारी संगठन हेल्थ फॉर मिलियंस ट्रस्ट की याचिका भी शामिल है।
उच्च न्यायालय ने 15 दिसंबर को चेतावनी संबंधी नियमों में 2014 में संशोधन को निरस्त करते हुए कहा था कि यह सांविधानिक मानदंडों का उल्लंघन करते हैं। इन संशोधित नियमों में तंबाकू उत्पादों के पैकेट के 85 फीसदी हिस्से में स्वास्थ्य संबंधी सचित्र चेतावनी प्रकाशित करना अनिवार्य किया गया था।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें।