मध्य प्रदेश के सियासी संग्राम के बीच फ्लोर टेस्ट को लेकर गुरुवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य के 16 बागी कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय ‘एक दिन के अंदर’ लिया जाए। कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य द्वारा राज्य विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि 16 बागी विधायकों की वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग होगी और कोर्ट इसके लिए एक पर्यवेक्षक नियुक्त करेगी। कोर्ट ने प्रस्ताव देते हुए कहा कि बागी विधायक तटस्थ स्थान पर विधानसभा अध्यक्ष के सामने खुद को पेश कर सकते हैं।
निर्भया मामला : सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दोषी पवन की क्यूरेटिव याचिका
वहीं राज्य विधानसभा स्पीकर की ओर से पेश अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह स्पीकर का अधिकार है कि वह चुने कि किसे इस्तीफा स्वीकार किया जाना है और किसका नहीं। स्पीकर के फैसले में कोई दखल नहीं दे सकता है।
सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोर्ट बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए स्पीकर को दो हफ्ते जितना पर्याप्त समय दे। जिसपर कोर्ट ने राज्य के 16 बागी कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफे पर निर्णय ‘एक दिन के अंदर’ लेने का निर्देश दिया।