मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को विधानसभा में बहुमत हासिल करने का निर्देश देने वाली याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी। सुप्रीम कोर्ट में होने वाली यह सुनवाई फिलहाल कल तक के लिए टल गई है और अब बुधवार को इस मामले में सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार और स्पीकर को स्टैंडिंग काउंसिल के जरिए नोटिस जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश मामले को लेकर सुनवाई शुरू हुई थी जिसके बाद बीजेपी की ओर से मुकुल रोहतगी ने अदालत में कहा कि ये पूरा मामला लोकतंत्र को जीवित रखने को लेकर है, लेकिन दूसरा पक्ष इस मामले में कृतज्ञता नहीं दिखा रहा है। वहीं बागी विधायकों ने कहा कि हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट वाली याचिका पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान की ओर से दायर की गई थी।
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इस याचिका में यह आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अपनी अल्पमत सरकार को बहुमत में तब्दील करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। याचिका में यह भी कहा गया कि कमलनाथ सरकार विधायकों को धमकी देने और प्रलोभन देने जैसे काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि फ्लोर टेस्ट टालता है और उसमे देरी होती है तो कमलनाथ सरकार के खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा। वहीं भाजपा ने यह भी कहा कि कमलनाथ सरकार के पास अल्पमत है इसलिए वे फ्लोर टेस्ट से भाग रहे है।