महाराष्ट्र की अमरावती सीट से निर्दलीय विधायक नवनीत राणा को जाति प्रमाण पत्र मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने राणा के जाति प्रमाणपत्र को निरस्त करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना के पूर्व सांसद की अर्जी पर विधायक नवनीत के जाति प्रमाण पत्र को लेकर अपना फैसला सुनाया था।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल की याचिका पर निर्दलीय विधायक नवनीत राणा का जाति प्रमाण पत्र रद्द करते हुए उनके खिलाफ दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। याचिका में दावा किया गया कि नवनीत राणा मूलत: पंजाब से आती हैं। वह लबाना जाति से आती हैं, जो कि महाराष्ट्र में SC की श्रेणी में नहीं आती हैं।
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आनंदराव अडसुल अपनी याचिका में कहा था कि नवनीत राणा ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनवाकर अमरावती से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता था। नवनीत राणा के सर्टिफिकेट को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में याचिका दायर की गई थी। बता दें कि नवनीत राणा ने 2014 में राजनीति में एंट्री करते हुए शिवसेना के टिकट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गई थी। उसके बाद 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंची।