सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित की कथित रूप से निंदा करने वाले लेख प्रकाशित करने वाली पत्रिका को लेकर मद्रास हाई कोर्ट में लंबित कार्यवाही पर शुक्रवार को रोक लगा दी। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली पीठ मद्रास हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्यपाल की याचिका पर विचार करने के लिये राजी हो गई।
हाई कोर्ट ने नक्कीरन पत्रिका और उसके संपादक के खिलाफ निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने पत्रिका नक्कीरन और इसके संपादक आर गोपाल को अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ निचली अदालत में लंबित कार्यवाही पर 4 जून को रोक लगा दी थी।
गोपाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 124 के तहत पिछले साल नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। यह धारा राष्ट्रपति और राज्यपाल आदि को विधिसम्मत अधिकार का प्रयोग करने से रोकने या इसके लिये बाध्य करने की मंशा से हमला करने से संबंधित है।
राजभवन ने नक्कीरन पत्रिका में एक निजी कालेज की एक महिला असिस्टेन्ट प्रफेसर से संबंधित लेख प्रकाशित करने के बारे में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप है कि इस महिला प्रफेसर ने छात्राओं से अंकों और धन की एवज में विश्वविद्यालय के अधिकारियों की यौन इच्छा पूरी करने के लिये कहा था।