नैनीताल : उत्तराखण्ड अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य भूपाल राम आर्य ने नैनीताल पहुंचकर जन समस्याएं एवं शिकायतें सुनीं। श्री आर्य ने कहा कि अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को अपनी समस्याओं एवं शिकायतों के समाधान के लिए देहरादून न जाना पड़े तथा उनके धन व समय की बचत के साथ ही शिकायतों का त्वरित गति से मौके पर ही विधिवत निस्तारण करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में जन सुनवाई आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों का किसी भी तरह का हनन नहीं होने दिया जायेगा तथा अधिकारों का हनन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
उन्होंने कहा कि शीघ्र ही अल्मोड़ा, रानीखेत, बागेश्वर, चम्पावत सहित अन्य स्थानों पर भी जन सुनवाई दिवस का आयोजन किया जायेगा। सुनवाई के दौरान अनुसूचित जाति के 3 व्यक्तियों द्वारा अपनी विभिन्न समस्याएं आयोग के सदस्य के सम्मुख दर्ज करायी। उन्होंने आयोग द्वारा दर्ज की गयी शिकायतों एवं समस्याओं का संज्ञान लेकर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। श्री आर्य ने आयोग को विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रही समस्याओं तथा शिकायतों के त्वरित गति से निराकरण हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
श्री आर्य ने विभिन्न विभागों में रिक्त चल रहे बैकलोग के पदों की विस्तृत डिटेल आयोग में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जल्द ही सुगम-दुर्गम श्रेणी का सटीक निर्धारण करने के निर्देश दिये। उन्होंने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निचले स्तर पर कार्यरत चिकित्सकों द्वारा सेड्यूल कास्ट के व्यक्तियों स्वास्थ्य परीक्षण सही से करने तथा उनके साथ दुर्व्यवहार न करने के निर्देश देते हुए कहा कि आयोग के समक्ष यदि दुर्व्यवहार का एक भी प्रकरण सामने आया तो अधिकारी अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
अनुसूचित जाति-जनजाति के सेवा कार्यों में तेजी लाएगा विहिप
श्री आर्य ने अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की एफआईआर प्राथमिकता से दर्ज करने तथा नियमानुसार उच्चाधिकारियों से मार्क कराने के पश्चात डीएसपी लेवल से 3 माह के भीतर जांच पूरी कराने के निर्देश पुलिस विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने एससी एक्ट में लम्बित प्रकरणों की जानकारी लेते हुए सभी प्रकरणों में तेजी से ठोस कार्यवाही करने तथा नियमानुसार आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने में पूर्ण सहयोग करने के निर्देश दिये। अपर पुलिस अधीक्षक हरीश सती ने बताया कि वर्ष 2017 में एससी एक्ट में 11 मामले दर्ज हुए थे, जिनकी विवेचना हो चुकी है तथा मौजूदा वर्ष में 4 मामले दर्ज हुए जिनमें से तीन मामलों की विवेचना हो चुकी है।
– संजय तलवाड़