पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि अगर राज्य में कोविड-19 की स्थिति और खराब नहीं होती है तो पूजा की छुट्टियों के बाद स्कूल फिर से खुल जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि नियमित कक्षाओं के लिए परिसरों को फिर से खोले जाने से पहले शिक्षण संस्थानों में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।
ममता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बंगाल में स्कूल पूजा (छुट्टियों) के बाद फिर से खुलेंगे, बशर्ते स्थिति अनुकूल हो। अगर तीसरी लहर खतरनाक नहीं होती है, तो हम स्कूल की इमारतों को संक्रमणमुक्त करेंगे और फिर उन्हें खोला जाएगा। हम स्कूलों को फिर से शुरू करने के लिए उत्सुक हैं। हम चाहते हैं छात्र स्कूल जाएं।’’
मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि राज्य में अभी कोरोना की स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि मामलों की संख्या बढ़ती है, जैसा महाराष्ट्र और केरल में हुआ, मुझे नहीं मालूम कि तब क्या निर्णय लिए जाएंगे। इस महीने की शुरुआत में, नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अभिजीत विनायक बनर्जी की अध्यक्षता में वैश्विक सलाहकार बोर्ड (जीएबी) की बैठक के बाद ममता ने संकेत दिया था कि राज्य सरकार पूजा की छुट्टियों के बाद स्कूल और कॉलेज वैकल्पिक दिनों में खोलने के विकल्प पर विचार कर रही है।
संयोगवश नोबेल पुरस्कार से ही सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने रविवार को एक वेबिनार में कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच स्कूल परिसरों को फिर से खोलने पर हो रही चर्चा का तत्काल कोई जवाब नहीं है।
सेन ने कहा कि स्कूलों के बंद रहने से बच्चों को बहुत नुकसान हो रहा है, लेकिन अगर स्कूल फिर से खुलते हैं तो उनके स्वास्थ्य की चिंताओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।