हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की समाप्ति के बाद से ही नतीजों को लेकर चर्चा तेजी से शुरू हो गई हैं। पहाड़ी राज्य में भारतीय जनता पार्टी 37 साल के रिवाज को तोड़ते हुए दोबारा सरकार बनाएगी या फिर कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी। यह तो 8 दिसंबर को साफ होगा। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार भाजपा को यहां इतिहास रचने का अवसर मिल सकता हैं।
दोनों दलों के बीच कड़ा मुकाबला
हालांकि विश्लेषकों ने यह भी अनुमान लगाया है कि भाजपा को पहाड़ी राज्य में कड़ा मुकाबला मिलने के पूर्ण आसार है। राज्य में कांग्रेस ने ओल्ड पेंशन स्कीम, महंगाई, बेरोजगारी जैसे विभिन्न मुद्दे उठाए थे। माना जा रहा है कि ग्रैंड ओल्ड पार्टी को इसका लाभ हो सकता है। इन सभी कयासों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी हवा दे दी है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में मुख्यमंत्री ने स्वीकारा कि दोनों दलों के बीच कड़ा मुकाबला है। हालांकि उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ यहां फिर सरकार बनाएगी और कांग्रेस के कई बड़े नेता चुनाव हार जाएंगे। कांग्रेस की ओर से 40-50 सीटें जीतने के दावे को भी जयराम ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा या कांग्रेस कोई भी एकतरफा जीत के दावे करने की स्थिति में नहीं है।
कांग्रेस विभिन्न चुनौतियों से घिरी
सत्तारूढ़ भाजपा उम्मीद लगाए बैठी है कि पहाड़ी प्रदेश में उस रिवाज के टूट जाने के आसार है जिसके तहत हर 5 वर्ष में विपक्ष में बैठे दल को सरकार बनाने का अवसर मिलता है। आपको बता दें कि राज्य में अभी तक भाजपा और कांग्रेस का ही शासन रहा है। इसी तर्ज पर दोनों दल 5-5 साल के बाद सरकार बनाते रहे है। माना जा रहा कि कांग्रेस इस बार प्रदेश में मजबूत नेतृत्व न होने, गुटबाजी जैसी विभिन्न चुनौतियों से घिरी हुई है। जिसका लाभ भाजपा को मिलेगा।