महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को जल्द दिया जाएगा अंतिम रूप, विजयादशमी तक आएगी पहली लिस्ट : जितेंद्र आव्हाड

महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को जल्द दिया जाएगा अंतिम रूप, विजयादशमी तक आएगी पहली लिस्ट : जितेंद्र आव्हाड
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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले मंगलवार को महाविकास अघाड़ी की बैठक हुई। इसमें तीनों दलों के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा की गई। एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण से चर्चा हो रही है, सभी मतभेद सुलझा लिए गए हैं।

विजयादशमी के शुभ मुहूर्त पर हमारी ओर से पहली लिस्ट जारी कर दी जाएगी – जितेंद्र आव्हाड
जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी ऐसी चर्चाएं हुई कि इनके गठबंधन में फूट पड़ने की संभावना है। मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और तीनों दलों ने मिलकर चुनाव लड़ा। मुझे लगता है कि विजयादशमी के शुभ मुहूर्त पर हमारी ओर से पहली लिस्ट जारी कर दी जाएगी।

सीट बंटवारे को लेकर सभी अटकलों पर जल्द ही विराम लगेगा – जितेंद्र
उन्होंने कहा, "सीट बंटवारे को लेकर सभी अटकलों पर जल्द ही विराम लगेगा और पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए भी विचार करना पड़ता है। उन तक सही संदेश पहुंचाना जरूरी है, ऐसा ना हो कि कार्यकर्ताओं की अनदेखी देखी हो जाए। हमारी ओर से संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीट बंटवारे पर घोषणा की जाएगी। तीनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा जारी है। "

जितेंद्र आव्हाड ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के बयान पर  किया पलटवार 
जितेंद्र आव्हाड ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के बयान पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वह वोट जिहाद की बात करते हैं, लेकिन मेरा उनसे यह सवाल है कि उनके एक मित्र चुनाव लड़ रहे थे, मगर वह तीन लाख वोटों से हार गए। उन्हें यह बताना चाहिए कि वहां कितने मुसलमान थे? महाराष्ट्र की 31 में से चार सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिमों की आबादी सिर्फ 15 से 20 प्रतिशत के बीच है। भाजपा को मुसलमानों ने नहीं हराया, बल्कि उन्हें अमन पसंद हिंदुओं ने हराया।

देश के अमन पसंद हिंदुओं को नफरत की राजनीति पसंद नहीं – जितेंद्र
उन्होंने कहा कि देश के अमन पसंद हिंदुओं को नफरत की राजनीति पसंद नहीं है। अगर महंगाई, बेरोजगारी पर बात करते हैं तो यह लोग चुप हो जाते हैं।
जितेंद्र आव्हाड ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के महाराष्ट्र दौरे पर कहा कि यह उनकी सामान्य रणनीति है, जैसे मगरमच्छ धीरे-धीरे सबको निगलता जाता है, वैसे ही वह सभी दलों को निगलने वाले हैं।

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