कर्नाटक के प्रसिद्ध सामाजिक नेता और पूर्व मंत्री वैजनाथ पाटिल का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। पाटिल के पारिवारिक सूत्रों ने कहा कि वह 81 वर्ष के थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, तीन बेटे और दो बेटियां हैं। बीदर के निवासी पाटिल कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।
पाटिल, लगभग 60 वर्ष के अपने राजनीतिक करियर में कर्नाटक की रामकृष्ण हेगड़े और एच डी देवेगौड़ा की सरकारों में मंत्री रहे। उन्हें संविधान के अनुच्छेद 371 के तहत हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र को विशेष दर्जा दिलाने के लिये हुए आंदोलनों में अहम भूमिका निभाने के लिये याद रखा जाएगा।
पाटिल ने एक बार सरकार पर हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र के लोगों की दुर्दशा पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाते हुए मंत्रिपद से इस्तीफा दे दिया था।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वैजनाथ पाटिल ने अपना जीवन कल्याण कर्नाटक के विकास को समर्पित कर दिया। हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र को कल्याण कर्नाटक क्षेत्र भी कहा जाता है। येदियुरप्पा ने कहा, ‘वैजनाथ पाटिल के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 371 (जे) के तहत कल्याण कर्नाटक को विशेष दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’
वहीं देवेगौड़ा ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘वैजनाथ पाटिल के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उन्होंने मेरे मुख्यमंत्री काल में मंत्री के रूप में सेवाएं दीं।’ पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भी पाटिल के निधन पर शोक जताया। उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘पाटिल के निधन पर मुझे गहरा दुख पहुंचा है। उन्होंने हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र को विशेष दर्जा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’