ज्योतिष और द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने शनिवार को अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। शंकराचार्य ने यहां कहा, ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले से खुश हूं। न्यायालय ने पुष्टि की है कि यह भगवान राम का जन्म स्थान है।’’
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उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। संत ने अयोध्या में मुसलमानों को पांच एकड़ जमीन आवंटित करने के न्यायालय के निर्देश पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने (मुसलमान कम क्षेत्र के लिए दावा किया था। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बड़ी संख्या में हिंदू मंदिर हैं । मंदिर निर्माण के लिए न्यास के गठन जैसे अन्य मुद्दों पर शंकराचार्य ने कहा कि उन्हें अभी न्यायालय के आदेश का अध्ययन करना है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में स्थापित हुआ एक न्यास पहले से ही मौजूद है।