अफगानिस्तान में तालिबान का पूर्ण राज शुरू हो चुका है और राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अफगानिस्तान को छोड़कर बता दिया है कि वह तालिबान के आगे उसकी एक नहीं चलेगी। इसलिए अफगान सरकार ने तालिबान के सामने सरेंडर कर दिया और तालिबान ने अफगानिस्तान के हर सरकारी जगह पर कब्जा कर लिया।
अफगानिस्तान पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के मद्देनजर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने सोमवार को कहा कि सभी पड़ोसी देशों के बारे में भारत को अपनी विदेश नीति की समीक्षा करने की जरूरत है।
अफगानिस्तान संकट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें सतर्क रहना चाहिए और दीर्घावधि के लिए एहतियात बरतनी चाहिए। एक वक्त था जब चीन और पाकिस्तान को छोड़कर अन्य पड़ोसी देशों से हमारे रिश्ते अच्छे थे।’’ अफगानिस्तान की सरकार गिरने और राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद तालिबान आतंकवादियों ने राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया।
अफगानिस्तान की राजधानी में अराजकता की स्थिति है जहां डरे हुए लोग देश से बाहर निकलने के लिए प्रयासरत हैं। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘दूसरे देशों को लेकर अपनी विदेश नीति में समीक्षा करने का समय आ गया है। स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन यह संवेदनशील मामला है। हम सरकार के साथ सहयोग करेंगे क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।’’
अफगानिस्तान संकट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें सतर्क रहना चाहिए और दीर्घावधि के लिए एहतियात बरतनी चाहिए। एक वक्त था जब चीन और पाकिस्तान को छोड़कर अन्य पड़ोसी देशों से हमारे रिश्ते अच्छे थे।’’ अफगानिस्तान की सरकार गिरने और राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद तालिबान आतंकवादियों ने राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया।
अफगानिस्तान की राजधानी में अराजकता की स्थिति है जहां डरे हुए लोग देश से बाहर निकलने के लिए प्रयासरत हैं। पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘दूसरे देशों को लेकर अपनी विदेश नीति में समीक्षा करने का समय आ गया है। स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन यह संवेदनशील मामला है। हम सरकार के साथ सहयोग करेंगे क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।’’