अभिनेत्री कंगना रनौत के दफ्तर पर हुई बीएमसी की कार्रवाई को अनुचित बताया जा रहा हैं। वहीं महाराष्ट्र की उद्धव सरकार निशाने पर आ गई है। राज्य सरकार पर उठ रहे सवालों पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने साफ़ किया है कि इस मामले में महाराष्ट्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
शरद पवार ने शुक्रवार को कहा, यह निर्णय बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने लिया था। राज्य सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं थी। बीएमसी ने अपने नियमों और विनियमों का पालन किया। कंगना और सरकार के बीच कोई मामला नहीं है। इससे पहले कंगना ने कहा था कि वह जिस इमारत में रहती हैं, वह शरद पवार से संबंधित है।
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पहले दिए गए एक बयान में पवार ने कहा था कि कंगना के बयानों को अनुचित महत्व दिया जा रहा है। लोग उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस सप्ताह के शुरू में मिली धमकी को वह गंभीरता से नहीं लेते हैं। संजय राउत ओर कंगना का विवाद मुंबई की पीओके से तुलना किए जाने के बाद से तूल पकड़ता गया।
इस बीच बीएमसी ने कंगना के दफ्तर के कुछ हिस्से को अवैध बताते हुए तोड़ दिया। जिसके बाद से बीएमसी और महाराष्ट्र सरकार चौतरफा निंदा का शिकार हो रही है। लोगों ने बीएमसी की कार्रवाई को बदले की भावना तक करार दिया है। तोड़फोड़ से आहत हुई कंगना से सीधे तौर पर उद्धव ठाकरे को चुनौती दे दी।