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पवार ने किया देशमुख का बचाव, कहा- फरवरी में तो अस्पताल में भर्ती थे गृह मंत्री, फिर इस्तीफा कैसा

एनसीपी नेता ने कहा कि एटीएस मेन केस में सही दिशा में जा रही है, जांच की दिशा भटकाने की कोशिश की जा रही है और अब सच सामने आ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जिस मंत्री के बारे में आरोप था, उनकी उस समय की स्थिति साफ हो गई है और ऐसी परिस्थिति में उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता।

महाराष्ट्र के एक पुलिस अधिकारी द्वारा राज्य के गृह मंत्री के खिलाफ लगाये गए आरोपों को लेकर विपक्ष हमलावर हैं। सदन में भाजपा सदस्यों ने इस मामले में केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की। इस बीच गृह मंत्री अनिल देशमुख को राकांपा नेता शरद पवार का साथ मिला है।
उन्होंने देशमुख का बचाव करते हुए कहा कि पूर्व कमिश्नर के पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि फरवरी महीने में उन्हें कुछ अधिकारियों से गृह मंत्री के फलां निर्देशों की जानकारी मिली थी, 6 से 16 फरवरी तक देशमुख कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती ​थे।
एनसीपी नेता ने कहा कि एटीएस मेन केस में सही दिशा में जा रही है, जांच की दिशा भटकाने की कोशिश की जा रही है और अब सच सामने आ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि जिस मंत्री के बारे में आरोप था, उनकी उस समय की स्थिति साफ हो गई है और ऐसी परिस्थिति में उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि यह बात मुख्यमंत्री पर छोड़ देनी चाहिए वो तय करेंगे कि जांच कैसे होनी है।
इससे पहले, रविवार को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा था कि देशमुख के बारे में फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लेंगे। उन्होंने कहा था कि परमबीर सिंह ने देशमुख पर जो आरोप लगाए हैं वे गंभीर हैं और इनकी गहराई से जांच करने की आवश्यकता है। पवार ने आरोप लगाया कि मुंबई पुलिस के पूर्व शीर्ष अधिकारी के पास कोई सबूत नहीं है और इसलिए देशमुख को इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह आरोप उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास पाए गए विस्फोटक से लदे एसयूवी की घटना की जांच को पटरी से उतारने के लिए लगाया गया है।
इससे पहले ये मुद्दा संसद के दोनों सदनों में भाजपा ने उठाया। राज्यसभा में, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सोमवार को अनिल देशमुख रिश्वत मुद्दे को उठाया, जबकि सत्ता पक्ष के सदस्यों ने महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने के लिए सदन में नारेबाजी की। प्रश्नकाल के दौरान, जब जावडेकर की बारी उनके मंत्रालय से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देने की आई, तो उन्होंने कहा, “मैं सवाल नहीं सुन सकता हूं। लेकिन महाराष्ट्र में, मंत्री 100 करोड़ घूस ले रहे हैं और पुलिस बम लगा रही है जो पहले आतंकवादी किया करते थे।”
सत्ता पक्ष ने राज्य सरकार से देशमुख को बर्खास्त करने की मांग की। इससे पहले महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने रविवार को राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख को बर्खास्त करने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया। सरकार में सहयोगी राकांपा ने कहा कि परम बीर सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए सनसनीखेज आरोपों के मद्देनजर देशमुख के इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है। रविवार को पार्टी ने नई दिल्ली में पवार के 6, जनपथ स्थित निवास पर मैराथन बैठक की। 
गौरतलब है कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पिछले हफ्ते पत्र लिखकर दावा किया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रूपये की मासिक वसूली करने को कहा है। इस पत्र के बाद राज्य में सियासी तूफान आ गया।

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