पूर्व शिवसेना नेता नारायण राणे के कांग्रेस में शामिल होने के फैसले पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि पता नहीं यह फैसला एक गलती थी या एक बड़ी भूल। बता दें कि राणे 2005 में कांग्रेस में शामिल हुए थे जबकि उनके पास राकांपा में शामिल होने का भी विकल्प था।
राणे की आत्मकथा के विमोचन के मौके पर शरद पवार ने कहा, “उन्होंने कांग्रेस को चुना। मैं नहीं बता सकता कि यह एक गलती थी या एक बड़ी भूल।” राकांपा प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस द्वारा तब उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने का वादा करने पर मैंने राणे से कहा था कि कांग्रेस इस तरह काम नहीं करती।
उन्होंने कहा,” कांग्रेस इस तरह काम नहीं करती। मुझे पता है क्योंकि मैंने अपने जीवन का लंबा समय उनके साथ बिताया है।” वहीं, राणे ने कहा, “जब मैं विधायक बना तब मैं मंत्री बनना चाहता था और जब मैं मंत्री बना तो मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता था और बना भी। अब मैं सांसद हूं लेकिन अपनी इच्छा से नहीं।”
राणे ने कहा कि उनको बुरा लगता है कि उनके जीवन का अधिकतर समय बर्बाद हो गया और अब भी बर्बाद हो रहा है। इस समारोह में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे। राणे ने 2017 में कांग्रेस छोड़ ‘महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष’ का गठन किया था और बाद में वह सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी बन गए। अभी वह भाजपा की टिकट पर राज्यसभा के सदस्य हैं।