अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा को तृणमूल कांग्रेस ने आसनसोल लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है जिसके लिए उन्होंने सोमवार को पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी के प्रति आभार प्रकट किया। इसके साथ ही सिन्हा ने विरोधियों द्वारा लगाए गए “बाहरी” होने के आरोप को खारिज कर दिया। सिन्हा दो-दो बार राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं।
ममता बनर्जी ने मुझे खुद तृणमूल उम्मीदवार घोषित किया-शत्रुघ्न सिन्हा
उन्होंने कहा, “देश का भविष्य बनर्जी के हाथों में है। मैं देशभर में ‘खेला होबे’ का विस्तार कर उनके हाथ मजबूत करूंगा।” उन्होंने से कहा, “लोकसभा उपचुनाव में आसनसोल से ममता बनर्जी ने मुझे खुद तृणमूल उम्मीदवार घोषित किया है, यह मेरे लिए गर्व की बात है। वह जांची परखी और सफल नेत्री हैं जिनके हाथ में देश का भविष्य है। आज की सरकार विभाजनकारी राजनीति करती है जिसके विरुद्ध बनर्जी खड़ी हो सकती हैं।”
कांग्रेस का दामन छोड़ा, सिन्हा ने कहा…
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ आने के लिए कांग्रेस का दामन छोड़ा, सिन्हा ने कहा, “मैं केवल इतना कहूंगा कि मैंने सांप्रदायिक सौहार्द और लोगों के कल्याण के लिए लड़ाई में बनर्जी का साथ दे रहा हूं।” सिन्हा, अटल बिहारी वाजपेयी नीत पूर्ववर्ती राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में मंत्री थे और उन्होंने बाद में भाजपा छोड़कर कांग्रेस के टिकट पर 2019 में पटना साहिब से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में वह रवि शंकर प्रसाद से हार गए थे।
आसनसोल में बंगाली के अलावा बिहार, झारखंड और दूसरे राज्यों के लोग भी रहते हैं।
आसनसोल सीट पर होने वाले उपचुनाव में बनर्जी ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है।
उन्होंने कहा, “मुझे कोई बाहरी कैसे कह सकता है? मेरी जन्मभूमि (बिहार) की तरह ही बंगाल भी मेरी कमजोरी रही है। मैंने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्म ‘अन्तोर कोली जात्रा’ समेत कई फिल्में बांग्ला में की हैं।” सिन्हा ने कहा, “इसके अलावा आसनसोल में बंगाली के अलावा बिहार, झारखंड और दूसरे राज्यों के लोग भी रहते हैं। यदि मुझे आसनसोल में बाहरी कहा जा सकता है तो क्या आप वाराणसी से चुनाव लड़ने वाले प्रधानमंत्री के लिए भी ऐसा कहेंगे।”