साल 2012 में हुए बर्बर निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में गुरुवार को दोषियों के नए डेथ वॉरेंट पर सुनवाई होनी है। दोषियों के खिलाफ आज चौथी बार डेथ वॉरेंट जारी होना है। वहीं दोषियों की फांसी की सजा में हो रहे देरी को शिवसेना ने न्यायिक तंत्र में मौजूद कमियों को कारण बताया है।
बता दें की बुधवार को राष्ट्रपति ने मामले के एक दोषी पवन की दया याचिका को ख़ारिज कर दिया। दया याचिका खारिज होते ही तिहाड़ प्रशासन ने फांसी की अगली तारीख के लिए कोर्ट का रुख किया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा कि उम्मीद है कि निर्भया मामले में दोषियों को फांसी लगने में हो रही देरी के कारण लोगों का न्यायपालिका से भरोसा नहीं खत्म होगा।
शिवसेना ने कहा कि कोर्ट मौजूदा कानूनों के प्रावधानों से ‘‘बाध्य’’ रही होगी लेकिन दोषियों को सजा देने में देरी नहीं होनी चाहिए और वह भी ऐसे में जब देश के सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की फांसी की सजा बरकरार रखी।
निर्भया दोषियों के फांसी से बचने के सारे विकल्प खत्म, नए डेथ वारंट पर आज होगी सुनवाई
मराठी अखबार ने कहा कि राष्ट्रपति ने उनकी दया याचिकाएं खारिज की, उनके मृत्यु वारंट जारी किए गए तथा फांसी की तारीख तथा समय तय किए गए। उसने कहा, ‘‘मौजूदा कानूनों में कमियां मौत की सजा तामील करने के रास्ते में नहीं आनी चाहिए। ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं नहीं होनी चाहिए।’’ गौरतलब है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी।
वहीं 2 मार्च को कोर्ट ने पवन गुप्ता की दया याचिका लंबित होने के चलते तीसरी बार निर्भया के गुनहगारों की फांसी टाल दी थी। उस समय दोषियों को फांसी देने के लिए करीब 12 घंटे बचे थे। दोषियों को 3 मार्च सुबह छह बजे फांसी होनी थी लेकिन पवन गुप्ता की दया याचिका लंबित होने के चलते कोर्ट ने फांसी टाल दी।