‘भीख में आज़ादी’ वाले बयान को लेकर बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत तमाम राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर आ गई है। राजनीतिक पार्टियों ने अभिनेत्री पर ‘देशद्रोह’ का आरोप लगाते हुए पद्मश्री वापस लेने की बात कही है। इसी कड़ी में शिवसेना ने कंगना ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि अभिनेत्री से सभी राष्ट्रीय पुरस्कार एवं सम्मान वापस ले लिए जाएं।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में कहा गया है कि कि कंगना ने जो कहा है कि वो ‘देशद्रोह’ है। महाराष्ट्र में ‘महा विकास आघाड़ी’ सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को कंगना से सभी राष्ट्रीय पुरस्कार वापस लेने चाहिए।’’ बीजेपी पर प्रहार करते हुए उसकी पूर्व सहयोगी पार्टी ने आरोप लगाया कि कंगना की टिप्पणी से बीजेपी का ‘नकली राष्ट्रवाद’ बिखर गया है।
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पार्टी के मुखपत्र के संपादकीय में कहा गया है, ‘‘कंगना से पहले किसी ने भी भारत के स्वतंत्रता संग्राम का इस तरह से अपमान नहीं किया था। हाल ही में उन्हें पद्मश्री सम्मान दिया गया जो पहले स्वतंत्रता सेनानियों को दिया गया था। उन्हीं वीरों का अपमान करने वाली कंगना को यह सम्मान दिया जाना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
कंगना की हालिया टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए शिवसेना ने कहा कि स्वतंत्रता के संग्राम के समय उनके ‘वर्तमान राजनीतिक पूर्वज’ दृश्य में कहीं नहीं थे। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर वायरल एक क्लिप में कंगना को कहते सुना जा सकता है, ‘1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली।’ वह पिछले दिनों एक समाचार चैनल के एक कार्यक्रम में बोल रही थीं और उनकी इस टिप्पणी के बाद मौके पर मौजूद कुछ लोग तालियां भी बजाईं।