शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद के तौर पर मनोनीत करने के प्रस्ताव को अबतक राज्यपाल की मंजूरी नहीं मिलने को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। राउत ने रविवार को कहा कि बौखलाई हुई विपक्षी पार्टी एक बात समझ ले कि महाराष्ट्र में ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना नीत गठबंधन सरकार 27 मई के बाद भी सत्ता में बनी रहेगी।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित अपने साप्ताहिक लेख ”रोक-टोक” में राउत ने यह भी कहा कि केंद्र के राजनीतिक दल बीते 60 साल से उन राज्यों को कमजोर करने की रणनीति पर चलते रहे हैं जहां उनकी पार्टी की सरकार नहीं होती है और पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी ने 9 राज्यों में गैर कांग्रेसी सरकारों को गिरा दिया था। महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है, जिसका नेतृत्व शिवसेना कर रही है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अभी तक न तो विधानसभा और न ही विधान परिषद के सदस्य हैं। उन्होंने पिछले साल 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 28 मई को उनके कार्यकाल के छह महीने पूरे हो जाएंगे। संविधान के अनुसार ऐसे मंत्री या मुख्यमंत्री जो दोनों सदनों में से किसी सदन के सदस्य न हों, उन्हें शपथ लेने के छह महीने के भीतर किसी एक सदन का सदस्य चुना जाना होता है। ऐसा न होने पर उन्हें पद से इस्तीफा देना होता है। राउत ने इससे पहले संकेत दिये थे कि इस महीने की शुरुआत में राज्य के मंत्रिमंडल ने ठाकरे को विधान पार्षद मनोनीत करने के लिये राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को जो सिफारिश भेजी है उसपर भाजपा के कहने पर विचार नहीं किया जा रहा है।
हालांकि, राउत ने इस मुद्दे पर अपने आक्रामक रुख की तुलना में रविवार के लेख में राज्यपाल के प्रति नरम रुख दिखाया। उन्होंने कहा, ”बीते साठ साल से केंद्र के राजनीतिक दल उन राज्यों को कमजोर करने की नीति पर चल रहे हैं, जहां उनकी सरकारें नहीं होती हैं। पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी ने 9 राज्यों में गैर-कांग्रेसी सरकार को गिरा दिया था। ” उन्होंने कहा कि इस काम के लिये राज्यपाल के संवैधानिक पद का दुरुपयोग किया जाता रहा है।
राउत ने कहा कि भाजपा नेताओं के बार बार राजभवन का दौरा करने से राज्यपाल की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने कहा कि एक बात समझ लेनी चाहिए कि ठाकरे को 175 विधायकों का समर्थन हासिल है, जो भविष्य में भी बरकार रहेगा। राउत ने कहा, ”राज्यपाल जानते हैं कि भाजपा राज्य में अपना मुख्यमंत्री नहीं बना सकती। वह दयालु व्यक्ति हैं। भाजपा नेताओं के बार-बार राजभवन के चक्कर लगाने के बाद भी ठाकरे नीत सरकार बनी रहेगी।” उन्होंने कहा कि राज्यपाल को विपक्षी दल और राजभवन के बीच किसी संबंध को लेकर धारणा को दूर करना चाहिए।