एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन मौत मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में गिरफ्तार सचिन वाजे ने एनआईए को सौंपे गए अपने एक लिखित बयान में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री अनिल परब पर कई आरोप लगाए हैं। परब पर लगे आरोप का बचाव करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकते।
संजय राउत ने गुरुवार को अपने बयान में कहा, जेल से चिट्ठी लिखने का एक नया रिवाज शुरू हो गया है। शिवसेना के मंत्री के खिलाफ साजिश है। मैं अनिल परब को जानता हूं, वह ऐसे काम में शामिल नहीं हो सकते। मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि कोई भी शिव सैनिक बाला साहेब के नाम पर झूठी कसम नहीं खा सकता’।
दरअसल, सचिन वाज़े ने एनआईए को सौंपे गए अपने एक लिखित बयान में महाराष्ट्र सरकार के ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री ने उसे एसबीयूटी के ट्रस्टियों को बुलाने के लिए कहा था, ताकि उनसे 50 करोड़ की रकम ली जा सके। इससे पहले परमबीर सिंह ने भी आरोप लगाया था कि देशमुख ने ही वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए उगाही का टारगेट दिया था।
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ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब ने वाजे के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे गलत हैं और इसका लक्ष्य उनकी छवि धूमिल करना है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बाल ठाकरे और अपनी दो बेटियों की कसम खाता हूं कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।’’ उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाविकास आघाडी सरकार को बदनाम करने की यह बीजेपी की साजिश है।
गौरतलब है कि मुबंई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने भी कुछ दिन पहले दावा किया था कि देशमुख ने पुलिस अधिकारियों से बार और रेस्तरां से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के लिए कहा था। हालांकि, देशमुख ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। वाजे ने अपने पत्र में यह दावा भी किया है कि जनवरी 2021 में राज्य के एक अन्य मंत्री अनिल परब ने उनसे बृहन्मुंबई महानगरपालिका में धोखेबाज के तौर पर सूचीबद्ध ठेकेदारों के खिलाफ एक जांच करने और ऐसे करीब 50 ठेकेदारों से कम से कम दो करोड़ रुपये की वसूली करने कहा था।