महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना ने फ्रांस को समर्थन दिया है। शिवसेना ने कहा कि धर्म के नाम पर फ्रांस में गला काटने के बर्बर कृत्य में शामिल लोग मानवता के दुश्मन हैं और इसलिए उनके खिलाफ फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के समर्थन की जरूरत है।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा गया कि भारत के राजनीतिक दलों और मुस्लिम समुदाय के फ्रांस के “आंतरिक मामलों” में दखल देने की कोई वजह नहीं है। यह टिप्पणी फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून के लेकर उपजे विवाद के मद्देनजर आई है।
संपादकीय में कहा गया कि पैगंबर मोहम्मद “शांति और संयम” के प्रतीक हैं। इसमें कहा गया कि जो लोग उनके अनुयायी होने का दावा करते हैं वो विचारधारा की हत्या कर रहे हैं और समूचे इस्लाम पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। आज इमैनुएल मैक्रों की भूमिका को विवादित बताया जा रहा है। फ्रांस हर तरह की स्वतंत्रता मनाने वाला देश है।
सामना में कहा गया कि “भारत पर जब भी संकट आया फ्रांस ने हमेशा भारत का साथ दिया है। पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद अमरीका समित कई देशों ने भारत का विरोध किया, लेकिन उस वक़्त भी फ्रांस भारत के साथ खड़ा हुआ।’’ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ जंग का ऐलान किया है और भारत सरकार ने फ्रांस का समर्थन किया है, यह बिलकुल उचित फैसला है।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति के खिलाफ दुनिया के कई देशों में भारी विरोध हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने ‘फ्रांस मुर्दाबाद’ और ‘फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करो’ जैसे नारे लगा रहे हैं। राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रां के बाद उनके एक मंत्री ने एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कहा कि फ्रांस ने कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। बता दें कि फ्रांस के नीस शहर के चर्च में तीन लोगों की हत्या कर दी गई और शनिवार को लियोन में एक पादरी को गोली मार दी गई। इस घटना के बाद से फ्रांस के लोगों में आक्रोश व्याप्त है।