देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप बरकरार है। संक्रमण के फैलाव को कम करने के लिए 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू है। वहीं अब कुछ क्षेत्रों में लॉकडाउन में ढील दी जाने लगी है इस बीच शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि यह सुनश्चित करने के लिये सावधानी बरती जानी चाहिये कि लॉकडाउन में छूट का कोई प्रतिकूल असर नहीं हो और पार्टी ने इसके साथ ही स्व अनुशासन बनाये रखने की अपील की ।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने अपने संपादकीय में कहा है कि कोविड-19 के मामलों में कमी आने के कोई संकेत नहीं है, फिर भी लॉकडाउन में छूट दे दी गयी है। इसमें कहा गया है, ‘लॉकडाउन समाप्त होने के बाद चुनौतियां बढ़ेंगी । सरकार सख्त हो सकती है, लेकिन लोगों को इस स्थिति तक नहीं पहुंचने देना चाहिये । लॉकडाउन की अवधि में कोरोना वायरस मामलों की बढ़ती संख्या से कोई राहत नहीं मिली है ।
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इसमें कहा गया है, ‘स्व अनुशासन समय की मांग है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लॉकडाउन में ढील का कोई प्रतिकूल असर नहीं हो । मुंबई के मरीन ड्राइव पर सुबह की सैर पर निकले लोगों की तस्वीर का हवाला देते हुये मराठी दैनिक ने अपने संपादकीय में कहा है कि अगर ऐसी स्थिति बनी रहती है तो चीजें निश्चित तौर पर कठिन हो जायेंगी । इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लॉकडाउन को हटाने के पक्ष में नहीं थे लेकिन अन्य राजनीतिक नेता चाहते थे कि इसमें छूट दिया जाना चाहिये ।