एल्गार परिषद का संवेदनशील मामला एनआईए को सौंपने को लेकर केंद्र पर हमला करते हुए शिवसेना ने बुधवार को मोदी सरकार पर गैर-भाजपा शासित महाराष्ट्र के मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में सरकार के इस कदम पर सवाल करते हुए कहा, ‘‘भारत राज्यों का संघ है।
हर राज्य के अपने अधिकार और स्वाभिमान है। केंद्र के इस जबरन कदम से अस्थिरता आ रही है।’’ केंद्र ने हाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को एल्गार मामले की जांच सौंप दी। अब तक इस मामले में संदिग्ध माओवादी संबंधों की जांच पुणे पुलिस कर रही थी।
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संपादकीय में केंद्र पर ‘प्रतिशोध की राजनीति’ करने का आरोप लगाया गया। इसमें कहा गया, ‘‘एनआईए ने महाराष्ट्र में हस्तक्षेप किया लेकिन इस तरह की कई घटनाएं भाजपा शासित राज्यों में भी हो रही हैं, तो केंद्र ने वहां दखल क्यों नहीं दिया।’’
संपादकीय में सवाल किया गया, ‘‘जिस तरह से केंद्र ने एनआईए को जांच सौंपी है, क्या वह नहीं चाहती कि सच्चाई सामने आए?’’ उसने कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा नीत सरकार ने उसे बताया था कि एल्गार परिषद-कोरेगांव भीमा मामला एक ‘राजनीतिक तथा राष्ट्रीय’ साजिश है। यह ‘राष्ट्रीय शक्ति’ को कम करने की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को नुकसान पहुंचाने की गुप्त योजना थी।