केरल प्रदेश कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष सी .के. श्रीधरन ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख के सुधाकरण की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संबंध में हालिया टिप्पणी के विरोध में उन्होंने पार्टी छोड़ी है।
सभी मोर्चों पर नाकाम साबित हुई कांग्रेस
श्रीधरन ने मीडिया को बताया कि वह माकपा में शामिल होंगे जो “देश में फासीवाद और सांप्रदायिकता से प्रभावी तरीके से लड़ रही है।”उन्होंने कहा, “ मैंने (कांग्रेस) पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। मेरी भावी योजना माकपा के साथ काम करने की है जिसका ऐलान 17 नवंबर को किया जाएगा।”श्रीधरन ने कहा कि कांग्रेस सभी मोर्चों पर नाकाम साबित हुई है।
फासीवाद और सांप्रदायिकता से लड़ने की जरूरत
वरिष्ठ नेता ने कहा, “ कांग्रेस देश में विफल हो गई है। आज के भारत में, हमें फासीवाद और सांप्रदायिकता से लड़ने की जरूरत है और वाम मोर्चा यह प्रभावी तरीके से कर रहा है। प्रदेश नेतृत्व की हाल की टिप्पणियां और रुख जिसमें प्रदेश कांग्रेस चीफ का सार्वजनिक बयान भी शामिल है… इन सभी कारकों की वजह से पार्टी छोड़ी है।”उनके माकपा के राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन की मौजूदगी में वाम पार्टी में शामिल होने की संभावना है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख सुधाकरण ने सोमवार को कहा था कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एक महान नेता थे और उन्होंने ‘उदारता’ दिखाते हुए आरएसएस नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपनी कैबिनेट में शामिल किया था।इस बयान की यूडीएफ में कांग्रेस के अहम साझेदार इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) और सत्तारूढ़ माकपा ने तीखी आलोचना की है।