बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में केंद्र सरकार को यह स्पष्ट करने को कहा कि मीडिया द्वारा कि जा रही अत्यधिक रिपोर्टिंग इस मामले पर प्रभाव तो नहीं डाल रही है। कोर्ट ने सरकार से 6 नवंबर तक यह बताने को कहा है कि क्या खबरों की रिपोर्टिंग जांच को एवं इसके बाद चलने वाले मुकदमे को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है और क्या कोर्ट को मीडिया की रिपोर्टिंग पर दिशानिर्देश निर्धारित करना चाहिए?
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि ‘यदि इस मामले में अत्यधिक रिपोर्टिंग हो रही है, तो यह आरोपी को सतर्क कर सकता है और वह साक्ष्यों को मिटा सकता है या फरार हो सकता है, यदि वह व्यक्ति बेकसूर है तो मीडिया की जरूरत से ज्यादा रिपोर्टिंग उसकी छवि खराब कर सकती है।’ हाई कोर्ट ने कहा, ‘क्या मीडिया की अत्यधिक रिपोर्टिंग कोर्ट की अवमानना अधिनियम की धारा 2 (सी) के तहत न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप है और क्या हमें दिशानिर्देश निर्धारित करना चाहिए? हमारे समक्ष यह मुद्दा है।’
बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट इस वक्त जनहित याचिकाओं के एक समूह पर अंतिम दलीलें सुन रही है। इन याचिकाओं के जरिये यह अनुरोध किया गया है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच में मीडिया ट्रायल बंद किया जाए। ये याचिकाएं कुछ कार्यकर्ताओं और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों ने दायर की थीं।