श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेकर महाराष्ट्र सरकार और रेलवे के बीच शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को रेलवे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार यात्रियों की सूचना उपलब्ध नहीं करा रहा जिसके चलते कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें नहीं चल पाईं। वहीं रेलवे ने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र से प्रवासियों के लिए 125 ट्रेनों की पेशकश की थी।
रेलवे ने कहा कि महाराष्ट्र से प्रवासी श्रमिकों को निकालने के लिए उसने 25 मई 125 ट्रेंनें चलाने की योजना बनाई थी लेकिन राज्य सरकार देर रात 2:00 बजे तक केवल 41 ट्रेनों के लिए सूचना दे पाई। और इन 41 ट्रेनों में से केवल 39 ट्रेनें चल पाईं क्योंकि स्थानीय अधिकारी यात्रियों को लेकर नहीं आ पाए और दो ट्रेनों को रद्द करना पड़ा।
इसमें कहा गया, “कुशलता से योजना बनाने और निरंतर प्रयास के बाद रेलवे ने बहुत कम समय में अपने संसाधनों को जुटाया और 26 मई को महाराष्ट्र से रवाना करने के लिए 145 श्रमिक ट्रेनें तैयार कीं।” रेलवे ने कहा, “दोपहर 12 बजे तक, महाराष्ट्र से 25 ट्रेनें चलाने की योजना थी लेकिन यात्रियों के अभाव में कोई ट्रेन प्रस्थान नहीं कर सकी।
पहली ट्रेन में यात्रियों का सवार होना दोपहर साढ़े 12 बजे सीएसएमटी स्टेशन से हो पाया।” रेलवे के मुताबिक, इनमें से 68 ट्रेनों को उत्तर प्रदेश के लिए, 27 को बिहार के लिए, 41 को पश्चिम बंगाल, और एक-एक ट्रेन छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, उत्तराखंड और केरल तथा दो-दो ट्रेनों को ओडिशा और तमिलनाडु के लिए रवाना करना था।
पिछले दो दिनों से, श्रमिक स्पेशल ट्रेन को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और महाराष्ट्र सरकार में राजनीतिक खींचतान चल रही है जहां राज्य ने आरोप लगाया है कि उन्हें पर्याप्त ट्रेनें नहीं उपलब्ध कराई जा रही हैं।