माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर मंगलवार को केंद्र की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ‘‘सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ाने’’ और भारत को एक ‘‘हिंदुत्व राष्ट्र’’ में ‘‘बदलने’’ के लिए यह विधेयक लाई है।
उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति की नागरिकता उसके धर्म से निर्धारित नहीं की जा सकती। येचुरी ने कहा, ‘‘ऐसा करके वे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना चाहते हैं। वे भारत के लोगों को बांटना चाहते हैं और हमारे धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य को एक हिंदुत्व राष्ट्र में बदलना चाहते है।’’ लोकसभा में सोमवार की रात इस विधेयक को सात घंटे से भी अधिक समय तक चली बहस के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कर दिया गया था।
नागरिकता संशोधन विधेयक लाने के पीछे कुछ न कुछ राजनीति : सचिन पायलट
नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थी – हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।