नैनीताल : नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी में किशोरी के साथ दरिंदगी के बाद हत्या करने के मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को दिशा-निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने प्रत्येक जिले में 48 घंटे के भीतर दुराचार व हत्या मामलों में स्थायी एसआइटी गठित करने के आदेश पारित किए हैं। साथ ही मृतका के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है। अधीनस्थ न्यायालयों को जघन्य अपराध से संबंधित केसों का फॉस्ट ट्रेक के माध्यम से त्वरित सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि दुराचार व हत्या जैसे जघन्य मामलों में मौत की सजा का कानून कब तक बनाया जाएगा। साथ ही सरकार को यह भी बताने को कहा है कि क्या हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर प्रदेश में भी भू कानून बनाया गया है या नहीं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने ‘इन दी मैटर ऑफ ब्रुटल गैंगरेप एंड मर्डर ऑफ ए 12 इयर गर्ल इन उत्तरकाशी’ नाम से जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई।
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इस मामले में प्रकाशित खबरों का संज्ञान लिया था। कोर्ट ने प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, सोशल मीडिया में पीड़ता व उसके परिवार की पहचान उजागर ना करने को कहा है। साथ ही एसआइटी से इस मामले में छह सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। हाईकोर्ट ने उत्तरकाशी में दुराचार के बाद हत्या मामले में विचाराधीन जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत की ओर से अधिवक्ता संजय भट्ट व लता सिंह को न्याय मित्र नियुक्त किया है।