कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी बुधवार को तिरुवनंतपुरम के शिवगिरी मठ पहुंचे और समाज सुधारक नारायण गुरु को श्रद्धांजलि दी। इससे पहले उनके पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी और दादी इंदिरा गांधी भी गांधी परिवार से शिवगिरी मठ जा चुकी हैं। साल 2017 में गांधी परिवार के लोगों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिवगिरी मठ का दौरा कर चुके हैं। वर्कला का शिवगिरी मठ केरल के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है।
श्री नारायण गुरु द्वारा स्थापित
शिवगिरी मठ वर्कला की स्थापना 19वीं शताब्दी के महान संत और समाज सुधारक श्री नारायण गुरुदेव ने की थी। शिवगिरी तीर्थयात्रा हर साल 30 दिसंबर से 1 जनवरी के बीच आयोजित की जाती है। जिसे एझावा समुदाय के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। एझावा समुदाय केरल की ओबीसी जाति है। जो राज्य में लगभग 22-23 प्रतिशत है। जो एक हिंदू समुदाय है। फिलहाल केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी इसी समुदाय से आते हैं। केरल की चुनावी राजनीति में एझावा समुदाय की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए तमाम राजनीतिक दल उन्हें लुभाने की कोशिश करते रहते हैं। बीजेपी हो, कांग्रेस हो, सीपीएम हो, तीनों पार्टियां एझावा समुदाय को अपने पाले में लाने की कोशिश करती रहती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले 31 दिसंबर 2017 को 85वें शिवगिरी तीर्थ उत्सव में शामिल हुए थे। उस समय उन्होंने कहा था कि स्वामी नारायण गुरु जी जैसी पुण्य आत्मा ने भी जातिवाद, ऊंच-नीच, सांप्रदायिकता के खिलाफ समाज को जगाया, समाज को एक किया। आज चाहे शिक्षा के क्षेत्र में सफलता की बात हो, सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति की, समाज में छुआछूत के प्रति घृणा की भावना की बात हो, ऐसा नहीं हुआ है। हम कल्पना कर सकते हैं कि श्री नारायण गुरु को उस दौर में कितनी मेहनत करनी पड़ी होगी, कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ा होगा।
केरल में लेफ्ट पार्टी की सरकार
इस समय केरल में वाम दल की सरकार है। पिछले विधानसभा चुनाव (2021) में एलडीएफ को 99 सीटें मिली थीं। जबकि कांग्रेस नीत गठबंधन यूडीएफ को 41 सीटें मिली थीं। इसमें से कांग्रेस को 21 सीटें मिलीं। राज्य में कुल 140 विधानसभा सीटें हैं। लोकसभा में 20 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं. जो 2019 के चुनाव में किसी भी राज्य में कांग्रेस का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इसलिए कांग्रेस ने अपनी 150 दिनों की भारत यात्रा में केरल के लिए 18 दिन का समय रखा है।