महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी अजित पवार के फोन नंबर का इस्तेमाल कर 20 लाख रुपए की जबरन वसूली करने के मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इतना ही नहीं आरोपियों में से एक आरोपी ने खुद को उपमुख्यमंत्री का कर्मचारी होने का नाटक भी रचा।
एक अधिकारी ने बताया कि अपराध शाखा ने जाल बिछाकर गुरुवार को बिल्डर से दो लाख रुपये लेते हुए आरोपी को दबोच लिया। पुलिस के अनुसार, एक आरोपी ने शिकायतकर्ता को फोन करने के लिए ‘‘फर्जी कॉल’’ ऐप्लीकेशन पर पवार के नंबर का इस्तेमाल किया और उपमुख्यमंत्री का कर्मचारी होने का स्वांग रचा।
आरोपियों की पहचान नवनाथ चोरमाले, सौरभ काकाडे, सुनील वाघमारे, किरण काकड़े, चैतन्य वाघमारे और आकाश निकलजे के रूप में हुई है। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘बिल्डर ने उचित प्रक्रिया के बाद 1997 में चोरमाले के दादा से जमीन खरीदी थी।
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चोरमाले ने हाल में बिल्डर से मुआवजे की मांग की और एक मुकदमा दायर किया। चोरमाले ने इसके बारे में काकड़े को बताया, जिसने पवार के निजी सहायक (पीए) को जानने का दावा कर उनकी मदद की पेशकश की और वादा किया कि वह पवार के पीए से बिल्डर को फोन करने के लिए कहेगा।’’
उन्होंने बताया कि काकड़े ने इसके बाद फर्जी कॉल ऐप से पवार के फोन नंबर का इस्तेमाल कर बिल्डर को फोन किया। अधिकारी ने कहा, ‘‘बिल्डर के सहायक ने यह मानकर फोन उठाया कि फोन करने वाला व्यक्ति पवार है। काकड़े ने खुद को पवार का पीए बताया और उन्हें चोरमाले के साथ मामले को ‘निपटाने’ का निर्देश दिया।’’
उन्होंने कहा कि फोन कॉल के बारे में पता चलने के बाद बिल्डर ने पुष्टि करने के लिए पवार के पीए को फोन किया और यह जानना चाहा कि कहीं उपमुख्यमंत्री के फोन से कॉल तो नहीं किया गया था। इसके बाद बिल्डर ने चोरमाले से संपर्क किया, जिसने मामले को निपटाने के लिए उससे 20 लाख रुपये की मांग की।
अधिकारी ने कहा, ‘‘आरोपी को दो लाख रुपये लेते रंगे हाथ पकड़ा गया। जांच के दौरान काकड़े ने खुलासा किया कि उसने फर्जी कॉल ऐप के जरिए पवार के नंबर का इस्तेमाल किया था।’’ उन्होंने कहा कि चोरमाले, काकड़े और साजिश में शामिल अन्य चार लोगों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।