कर्नाटक में राज्य को नई सरकार मिलने के बाद वहां की जनता की उम्मीदे चुनी हुई सरकार से ओर ज्यादा हो गई है।सत्ता परिवर्तन का एक संकेत पिछली सरकार से नाराजगी भी होती है जिसे जनता लोकतंत्र में मतदान से जताते है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने रविवार को कहा कि राज्य में रोजगार मौजूदा सरकार की प्रथमिकता है। जनता से किये वादा पूरा करना हमारा कर्तव्य है।
डीके शिवकुमार अपने निवास पर नौकरी इच्छुक लोगो से बात की
शिवकुमार से उनके निवास पर मुलाकात करने वाले नौकरी के इच्छुक लोगों के समूह से बात करते हुए कहा, “हमने जनता से वादा किया है कि सभी खाली पदों को भरा जाएगा, क्योंकि यह हमारा कर्तव्य है। जो पात्र हैं, उनके लिए हमें देखना होगा कि रोजगार की समस्या का समाधान हो, क्योंकि यह हमारी सरकार की प्राथमिकता है। हम रोजगार की रिक्तियों पर काम करना शुरू कर देंगे। मैं यह नहीं कह सकता कि यह 1 या 2 दिनों में हो जाएगा, लेकिन यह हो जाएगा। कर्नाटक पावर ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर 1,500 से अधिक उम्मीदवारों ने आज बेंगलुरु में डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से उनके आवास पर मुलाकात की।कर्नाटक चुनावी वादों में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में राज्य में पांच गारंटी लागू करने की बात कही थी।
सिद्धारमैया ने कहा कि पहली कैबिनेट बैठक मेंपांच गारंटियों के कार्यान्वयन के आदेश जारी
मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद, सिद्धारमैया ने कहा कि पहली कैबिनेट बैठक ने चुनाव से पहले पार्टी द्वारा किए गए पांच गारंटियों के कार्यान्वयन के आदेश जारी किए हैं। पांच ‘मुख्य’ गारंटी सभी घरों (गृह ज्योति) को 200 यूनिट मुफ्त बिजली है; हर परिवार की महिला मुखिया (गृह लक्ष्मी) को 2,000 रुपये मासिक सहायता; बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो चावल मुफ्त ( अन्ना भाग्य); बेरोजगार स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों के लिए 1,500 रुपये (दोनों 18-25 आयु वर्ग में) दो साल (युवा निधि) और सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा (उचिता प्रयाण)