पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब भी राज्य सरकार खाली पदों को भरने की कोशिश करती है तो कुछ लोग अदालतों का दरवाजा खटखटाते हैं और इसमें बाधा उत्पन्न करते हैं।
बनर्जी ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान राशन डीलरों की नयी नियुक्ति पर एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार तीन महीने के भीतर भर्ती प्रक्रिया को पूरा करना चाहती है, लेकिन राज्य का सारा पैसा अदालती मामले लड़ने में खर्च करना पड़ रहा है। उन्होंने स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए न्यायपालिका से इस पर गौर करने का अनुरोध किया।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो गड़बड़ी की कर रही जांच
उल्लेखनीय है कि सरकारी और राज्य प्रायोजित स्कूलों में शिक्षकों तथा गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियां अदालती जांच के दायरे में हैं क्योंकि अनेक अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अदालत का रुख किया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) गड़बड़ी की जांच कर रहा है।
दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगी
आपको बता दे, असम और मेघालय बॉर्डर पर फायरिंग के बाद अब ममता बनर्जी दो दिन के दौरे पर मेघालय जाएंगी। वह 12-14 दिसंबर तक वहां रहेंगी। इससे पहले वह 5 दिसंबर को दिल्ली जाएंगी। वह तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष के तौर पर वहां जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगी।
यह मेघालय सरकार की अक्षमता को दर्शाता
आपको बता दें कि दो दिन पहले असम और मेघालय की सीमा पर फायरिंग हुई थी, जिसमें असम के एक वनकर्मी समेत मेघालय के पांच लोगों की मौत हो गई थी। सीएम बनर्जी ने असम-मेघालय सीमा पर मुकरोह जिले में हुई हिंसा पर दुख जताया था। जबकि उनके भतीजे और तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भड़काऊ बयान दिया। उन्होंने हिंसा पर दुख जताते हुए कहा कि यह मेघालय सरकार की अक्षमता को दर्शाता है।