मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता Sonam Wangchuck को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह करीब 120 लोगों के साथ 700 किलोमीटर की पदयात्रा कर दिल्ली पहुंचे थे। दिल्ली पहुंचकर वह गांधी जी की समाधि स्थल राजघाट पर गांधी जयंती के दिन सरकार के समक्ष लद्दाख और हिमालय की समस्याओं को लेकर अपनी बात रखना चाह रहे थे।
मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक(Sonam Wangchuck) को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, गिरफ्तारी केवल सोनम वांगचुक की नहीं हुई है। इसमें 160 से अधिक लोग शामिल हैं। कम से कम 38 से 40 लोग बवाना पुलिस स्टेशन में हैं और सभी लोग उपवास पर हैं। हम भी कल गांधी जयंती के अवसर पर 12 घंटे का उपवास करेंगे। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी उस समय हुई, जब वे 900 किलोमीटर की यात्रा कर राजघाट पहुंचना चाहते थे, जबकि उन्हें गिरफ्तार करने का कोई उचित आधार नहीं था।
उन्होंने कहा, जब धारा 144 लागू होती है, तो सार्वजनिक डोमेन में इसकी जानकारी होनी चाहिए। अगर जनता को इसकी जानकारी नहीं है और फिर पांच या अधिक लोग इकट्ठा होते हैं, तो उन पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। आज की नई न्याय संहिता के तहत लोगों के साथ अन्याय हो रहा है। सरकार ने कल गांधी जयंती के दिन लोगों को राजघाट पहुंचने से रोकने का आदेश दिया है, यह कैसे संभव है?
Medha Patkar ने जोर देते हुए कहा, उनका कोई अपराध नहीं है। अपराध तो उन कार्रवाइयों में है, जो इन लोगों पर हो रही है। हर नेता और नेत्री का यह कर्तव्य है कि वे जहां अन्याय और अत्याचार हो रहे हैं, वहां पहुंचें। हम किसी पार्टी के सदस्य नहीं हैं, लेकिन जब जनसंसद के प्रतिनिधि मिलते हैं, तो उन्हें भी गिरफ्तार किया गया या हिरासत में रखा गया है। आज गिरफ्तारी और हिरासत में कोई फर्क नहीं रह गया है। यह स्थिति हम कैसे सहन कर सकते हैं? इन लोगों को तुरंत छोड़ना चाहिए, अन्यथा सरकार की बदनामी होगी। विकास के नाम पर कोई हिंसा नहीं होनी चाहिए, लेकिन यहां पर कानूनन हिंसा थोपी जा रही है।
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