महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को कहा कि औरंगाबाद में कोविड-19 देखभाल केंद्र में कथिततौर पर एक महिला मरीज से छेड़छाड़ का प्रयास करने वाले चिकित्सक को सेवा से हटा दिया गया है और मार्च अंत तक इन केंद्रों के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं जारी की जाएंगी। यह घटना इस सप्ताह की शुरुआत में हुई थी और राज्य विधानसभा में भाजपा विधायक मनीषा चौधरी ने यह मुद्दा उठाया था।
चौधरी ने कहा कि कोविड-19 देखभाल केंद्रों में महिलाओं से दुष्कर्म की पहले भी कुछ घटनाएं हुई हैं। इस तरह के मामले दुर्भाग्यपूर्ण हैं। लोगों में सरकार का डर नहीं रह गया है। हम राज्य के गृह मंत्री से तुरंत जवाब चाहते हैं। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 देखभाल केंद्रों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री को चार पत्र भेजे और इन घटनाओं पर नियंत्रण के लिए एसओपी बनाने की मांग की है। लेकिन मुझे मेरी चिट्ठियों का जवाब नहीं मिला और एसओपी भी प्रकाशित नहीं किए गए।
इसके जवाब में अजित पवार ने कहा कि कोविड-19 देखभाल केंद्रों के लिए एसओपी 31 मार्च तक प्रकाशित कर दी जाएगीं। औरंगाबाद मामले में घटना की आरंभिक जांच के बाद चिकित्सक को सेवा से हटा दिया गया है। महिला पहचान उजागर होने के डर से शिकायत नहीं करना चाहती। चिकित्सक और महिला के पति दोस्त हैं। जांच पूरी होने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कोविड केंद्रों की निविदा प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ BJP का प्रदर्शन
देवेंद्र फडणवीस समेत भाजपा नेताओं ने राज्य में कोविड-19 देखभाल केंद्रों की निविदा प्रक्रिया में कथित भ्रष्टाचार को लेकर गुरुवार को विधान भवन के बाहर प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं ने हाथों में बैनर ले रखे थे जिनमें से एक पर लिखा था, ‘‘सरकार की आलोचना करते है जिसने कोविड देखभाल केंद्रों पर 3.77 करोड़ रूपए से अधिक का खर्च किया जो अनुमानित खर्च से अधिक है।’’
हालांकि विपक्षी दल के नेताओं ने उन केंद्रों के नाम नहीं बताएं जहां कथित भ्रष्टाचार हुआ है। राधाकृष्ण विखे पाटिल, गिरीश महाजन और आशीष शेलार समेत भाजपा नेताओं ने शिवसेना नीत राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए। राज्य विधानसभा का बजट सत्र एक मार्च से शुरू हुआ है।
मंगलवार को फडणवीस ने राज्य विधानसभा में एक केंद्रीय सर्वे के हवाले से कहा था कि यदि राज्य सरकार स्थिति से उचित तरीके से निबटती तो महाराष्ट्र में कोविड-19 के कारण मरने वालों की संख्या 30,900 से कम होती तथा संक्रमण के मामले 9.55 लाख से कम होते। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक तीन मार्च तक महाराष्ट्र में कोविड-19 के कुल मामले 21,79,185 और संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या 52,280 है।