केंद्र सरकार की “जन-विरोधी” नीतियों के खिलाफ बुधवार को 10 वाम समर्थक केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने “भारत बंद” का अगवान किया। इस दौरान मजदूर संगठनों के साथ ही वामपंथी दलों और कांग्रेस समर्थकों के प्रदर्शनों के चलते पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ। कई स्थानों से हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी सामने आई हैं।
प्रदर्शनकारियों ने राज्य के कई स्थानों पर रेल एवं सड़क यातायात बाधित किया, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। पूर्वी बर्दवान जिले में विभिन्न स्थानों पर जलते हुए टायर डाले गए और सड़कें बाधित की गई। इसके अलावा रेलवे पटरियों को भी अवरुद्ध किया गया जिससे रेल यातायात बाधित हुआ। पूर्वी मिदनापुर जिले में बसों पर पथराव किया गया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया जिसके बाद झड़प शुरू हो गई और इसके बाद कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि दमदम तथा लेक टाउन इलाकों में वाम समर्थकों और तृणमूल समर्थकों में झड़प हुई। हालात पर काबू पाने के लिए भारी पुलिस बल को घटनास्थल पर भेजा गया।
उन्होंने बताया कि उत्तरी 24 परगना जिले के बारासात इलाके में सड़कों पर देसी बम मिले। प्रदर्शनकारियों ने जिले के औद्योगिक हिस्से में रैलियां निकाली और सड़कों तथा रेलवे पटरियों को अवरुद्ध किया। हालांकि पुलिस ने यातायात सुचारू करने के लिए उन्हें हटा दिया। कोलकाता में सरकारी बसें सामान्य रूप से चल रही हैं, लेकिन शुरुआती घंटों में निजी बसों की संख्या कम थी।
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इस दौरान शहर में मेट्रो सेवाएं सामान्य थीं और सड़कों पर ऑटो-रिक्शा तथा टैक्सियां भी चल रही थीं। टॉलीगंज, बेहाला, एस्प्लांडे और जादवपुर समेत शहर के कई इलाकों में भारी पुलिस तैनाती देखी गई है। उत्तर बंगाल के कुछ इलाकों में तृणमूल कांग्रेस ने हड़ताल का विरोध करते हुए रैलियां निकालीं और लोगों से सामान्य स्थिति बनाए रखने का आग्रह किया।
देश के प्रमुख संघों इंटक, सीटू, सेवा, एआईटीयूसी, एचएमएस, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी ने बुधवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है और उनका दावा है कि इसमें 25 करोड़ श्रमिक शामिल होंगे।