द्रमुक अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी की उम्मीदवारी को अपने समर्थन का बचाव करते हुए कहा है कि कांग्रेस प्रमुख के पास केंद्र में बीजेपी शासन को उखाड़ फेंकने की ताकत है। उन्होंने अपने प्रस्ताव के समर्थन में मित्र धर्मनिरपेक्ष पार्टियों से सहयोग मांगा।
इस प्रस्ताव को लेकर विपक्षी खेमे में हालांकि पूरी तरह से सहमति नहीं है लेकिन स्टालिन का मानना है कि इसके लिए मित्र दलों के बीच चर्चा की जा सकती है। बीते सोमवार को अपने पार्टी काडर को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में समाधान सिर्फ चर्चा से निकलते हैं… इन विचार-विमर्शों से ही अच्छे नतीजे निकल कर आएंगे।’’
स्टालिन ने विपक्षी दलों से ‘‘लोकतंत्र की रक्षा के लिए राहुल का हाथ मजबूत करने’’ की अपील की। उन्होंने कहा कि अगले साल लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बुरी तरह हराने के लिए इन ताकतों का हाथ मिलाना जरूरी है। द्रमुक प्रमुख ने कहा कि उनका बयान सिर्फ उस तर्क पर आधारित है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करना ही धर्मनिरपेक्ष ताकतों को जोड़ने के लिए उपयुक्त होगा।
स्टालिन ने लोकसभा चुनाव में BJP को परास्त कर राहुल के नाम का प्रस्ताव रखा है
उन्होंने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा के हालिया चुनावों में कांग्रेस की जीत का उल्लेख करते हुए कहा कि राहुल गांधी में मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को हराने की ताकत है।