देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के बढ़ रहे मामले अस्पतालों के लिए चुनौतियां साबित हो रही हैं। इसी बीच गुजरात के अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में कोरोना के मरीजों को धर्म के आधार पर अलग-अलग वॉर्ड में रखे जाने का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने इस बात का खंडन किया है।
गुजरात सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि सिविल अस्पताल में धर्म के आधार पर कोई वॉर्ड अलग नहीं किया जा रहा है। कोरोना मरीजों का इलाज डॉक्टरों की सिफारिशों के अनुसार लक्षणों, गंभीरता आदि के आधार पर किया जा रहा है। इस मामले में सरकार की ओर से जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
The Health Deptt.of Govt.of Gujarat has clarified that no segregation is being done in civil hospital on the basis of religion.Corona Patients are being treated based on symptoms, severity etc.and according to treating doctors’ recommendations.
— PIB in Gujarat (@PIBAhmedabad) April 15, 2020
वहीं सिविल हॉस्पिटल के प्रोफेसर जीएच राठौड़ ने इस घटना पर बोलते हुए कहा, कुछ दैनिक समाचार पत्रों में छपी खबर पढ़ी है कि हमने मुसलमानों और हिंदुओं के लिए अलग वार्ड बनाए हैं।” मेरे नाम की यह रिपोर्ट झूठी और निराधार है और मैं इसकी निंदा करता हूं।
बता दें कि हिंदू और मुस्लिमों के लिए अलग वार्ड बनाए जाने की खबर के बाद गुजरात की सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी। विपक्ष ने गुजरात इसे गुजरात मॉडल की एक बनागी करार देना शुरू कर दिया था।