महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने शनिवार कहा कि राज्य सरकार को लोक कलाकारों को बुढ़पे में सम्मानपूर्व जीवन यापन के लिए विठाबाई नारायणगांवकर आर्थिक विकास निगम की स्थापना करनी चाहिए। श्री पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक पत्र लिखकर यह मांग करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के राजकीय मान्यता वाले लोक कलाकार को वृद्धावस्था में सम्मानपूर्वक जीवन यापन के लिए आवास, भोजन, चिकित्सा, कम ब्याज दर पर कर्ज, बच्चों की पढ़ई, सरकारी योजनाएं उपलब्ध करायी जानी चाहिए।
तमाशा कला को सार्वजनिक मान्यता और राजकीय मान्यता मिली
उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए राज्य में तमाशा साम्राज्ञी दिवंगत विठाबाई नारायणगांवकर आर्थिक विकास निगम की स्थापना की जानी चाहिए। उन्होंने ने कहा कि सरकार तमाशा सहित सभी लोक कलाकारों के लिए एक निगम स्थापित करे। सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आने पर उन्होंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग दोहराई हैं। उन्होंने कहा कि तमाशा महाराष्ट्र की लोक कला है। राज्य के पिछड़ और अति-पिछड़ समुदायों के कलाकारों की पीढ़ियों ने अपने बलिदान और समर्पण से इस कला को जीवित रखा, आगे बढ़या और समृद्ध किया है। तमाशा कला को सार्वजनिक मान्यता और राजकीय मान्यता मिली।
दवा की व्यवस्था की जानी चाहिए
श्री पवार ने पत्र में कहा है कि सरकार को इन तमाशा कलाकारों सहित राज्य के सभी लोक कलाकारों की गरिमा, अधिकार और विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। तमाशा कला को समृद्ध एवं लोकप्रिय बनाने के कार्य में स्वयं तमाशा साम्राज्ञी विठाबाई नारायणगांवकर और उनके परिवार ने बहुमूल्य योगदान रहा है। जीवन पर्यंत तमाशा कला प्रदर्शन करने पर उनके बड़ भाई को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि विठाबाई के अंतिम दिन बहुत कष्टदायी रहे थे। अधिकांश लोक कलाकारों का यही हश्र होता है उनका जीवन दुख में समाप्त होता है। इस स्थिति से उन्हें बचाने के लिए लोक कलाकारों के वृद्धावस्था में रहने, खाने तथा दवा की व्यवस्था की जानी चाहिए।