तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम। के स्टालिन ने हैदराबाद के पास निर्मित ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ को राष्ट्रीय अखंडता का प्रतीक बताते हुए शनिवार को कहा कि यह देश के समावेशी और प्रगतिशील विकास के लिए समय की मांग के अनुरूप बनायी गयी है।
श्रीराम नगर में 216 फुट ऊंचे ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ का अनावरण
प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी ने ज्ञारहवीं सदी के भक्ति संत श्री रामानुजाचार्य की एक हजारवीं जयंती के अवसर पर हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित मुचिंतल के जिवा श्रीराम नगर में 216 फुट ऊंचे ‘स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी’ का अनावरण किया। त्रिथंडी चिन्ना श्रीमन नारायण रामानुज जीयर स्वामी को लिखे एक पत्र में श्री स्टालिन ने उन्हें श्री रामानुज के अभिषेक पर आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया।
जीवन का संदेश लोगों तक पहुंचाया
श्री स्टालिन ने कहा, ‘इस नेक अवसर पर, मैं चाहता हूं कि श्री रामानुज की समानता का संदेश पूरे देश में सुरुचिपूर्ण और जोरदार ढंग से फैले। स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी का यह प्रतीक देश के समावेशी और प्रगतिशील विकास के लिए समय की मांग है।’ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक अध्यक्ष के रूप में एम। करुणानिधि के समानता के लिए किये गए संघर्ष पर प्रकाश डालते हुए श्री स्टालिन ने कहा कि उन्होंने श्री रामानुज के जीवन पर टेली-सीरियल की पटकथा लिखकर संत के जीवन का संदेश लोगों तक पहुंचाया था।
राज्य में मंदिर प्रशासन सुव्यवस्थित रहे।
श्री स्टालिन ने कहा, ‘रामानुज द्वारा दिये गए सामाजिक बदलाव हमारे दिलों के बहुत करीब हैं। मेरी सरकार ने सुधारवादी कदमों के तहत मंदिरों में सभी जातियों के अर्चकों की नियुक्ति की है और तमिलनाडु में मंदिरों के गर्भगृह में पूजा करने में सभी के लिए समानता सुनिश्चित की।’ श्री स्टालिन ने कहा कि अपने कार्यकाल के पिछले आठ महीनों में उनकी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य में मंदिर प्रशासन सुव्यवस्थित रहे। साथ ही उन्होंने मंदिरों के उचित और प्रभावी प्रबंधन के लिए राज्य भर में आवश्यक धन आवंटित किये हैं।