नैनीताल : हाईकोर्ट ने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सरकार को अहम दिशा निर्देश जारी किए। अदालत ने प्रदेश में केंद्रीय औषधि नियंत्रक बोर्ड से प्रतिबंधित सभी 434 दवाओं की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी है। वहीं सरकार को दुकानों में उपलब्ध स्टॉक को पुलिस की मदद से नष्ट करने व शिक्षण संस्थानों में ड्रग कंट्रोल क्लबों का गठन करने के भी निर्देश दिए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की संयुक्त खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।
नैनीताल जिले की रामनगर निवासी स्वेता मासीवाल ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि प्रदेश में नशे का कारोबार खूब फलफूल रहा है। आम आदमी के साथ ही बच्चे भी इसकी चपेट में आ गए हैं। इससे उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है। संयुक्त खंडपीठ ने मामले में सुनवाई के बाद केंद्रीय औषधि नियंत्रक बोर्ड के स्तर से प्रतिबंधित सभी 434 दवाओं की बिक्री पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी है।
बिना लाईसेंस के रखी गई दवाओं का जखीरा बरामद
अदालत ने कहा है कि किसी मेडिकल स्टोर में उपलब्ध दवाओं को कंपनी को वापस कर दिया जाए अथवा पुलिस की मदद से उसे नष्ट करने की कार्रवाई की जाए। नशे को रोकने के लिए सभी शिक्षण संस्थानों, संस्थानों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों में ड्रग्स कंट्रोल क्लब खोलने के आदेश दिए है। इन क्लबों के अध्यक्ष निदेशक उच्च शिक्षा होंगे और नोडल अधिकारी निदेशक विद्यालयी शिक्षा होंगे।
– संजय तलवाड़