त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में पढ़ रहे ओडिशा के कई छात्रों ने आरोप लगाया कि स्थानीय छात्रों ने उन्हें मारा पीटा और जान से मारने की धमकी भी दी। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब ने संस्थान में बी.एड की पढ़ाई कर रहे उड़िया छात्रों को गुरूवार को पूर्ण सुरक्षा देने का आश्वासन दिया। संस्थान एक मानद विश्वविद्यालय है।
डरे-घबराए उड़िया छात्र और शिक्षकों ने अपने दोस्तों एवं परिवारों को भेजे एक वीडियो संदेश में आरोप लगाए हैं कि संस्कृत संस्थान के कुछ छात्रों ने सितंबर के दूसरे हफ्ते में गणेश पूजा समारोह के दौरान कोई विवाद होने के बाद हड़ताल में हिस्सा ना लेने के लिए उन पर हमला किया।
एक उड़िया छात्रा ने दावा किया कि कुछ स्थानीय छात्रों ने उसे पीटा। उसने कहा, ‘‘उन्होंने हमसे तत्काल संस्थान छोड़ने के लिए कहा और ऐसा ना करने पर जान से मारने की धमकी दी।’’
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छात्रा ने कहा, ‘‘हमने प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में दाखिला लिया। लेकिन स्थानीय छात्र और लोग हमें परेशान कर रहे हैं।’’ कुछ छात्रों ने कहा, ‘‘हम ओडिशा सरकार से हमारे बचाव के लिए आगे आने का अनुरोध करते हैं क्योंकि हमारी जान खतरे में है।’’
ओड़िशा पुलिस के महानिदेशक आर पी शर्मा ने ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने राज्य के छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्रिपुरा के अपने समकक्ष अखिल कुमार शुक्ला से बातचीत की जिसके बाद स्थानीय पुलिस अधीक्षक ने संस्थान का दौरा किया और सुरक्षा एवं मदद का आश्वासन दिया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैंने स्थिति पर करीब से नजर बनाए रखी है और वहां के डीजीपी के संपर्क में हूं।’’ त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक ने कहा, ‘‘संबंधित अधिकारी मामले पर ध्यान दे रहे हैं। उचित कार्रवाई की जा रही है।’’
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘ओडिशा के छात्र भी त्रिपुरा के ही बच्चे हैं। मां त्रिपुरसुंदरी की धरती पर किसी भी को असामाजिक गतिविधि की मंजूरी नहीं दी जाएगी। मैं पूरे भारत के छात्रों के त्रिपुरा में सुरक्षा का पूर्ण आश्वासन देता हूं।’’
इससे पहले ओड़िशा के उच्च शिक्षा सचिव बी पी सेठी ने कहा, ‘‘ओड़िशा के डीजीपी ने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्रिपुरा के अपने समकक्ष से बात की। श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी के कुलपति प्रो. राधा माधव दास और उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक परमेश्वरन बी समस्या के हल के लिए अगरतला जा रहे हैं।’’
छात्रों ने दावा किया कि 20 सितंबर को कुलपति को घटना की जानकारी दी गयी थी लेकिन अधिकारियों ने फिर भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। छात्रों ने यह भी कहा कि उन्होंने त्रिपुरा में पुलिस के सामने शिकायत दर्ज नहीं करायी है।