सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार को राहत देते हुए रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने मराठा समुदाय को शिक्षा, नौकरी में आरक्षण देने को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मराठा समुदाय को 2014 से पूर्व प्रभावी तौर पर आरक्षण देने वाले मुंबई हाई कोर्ट के आदेश के पहलू को लागू नहीं किया जाएगा।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने मराठा आरक्षण संबंधी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग पर संज्ञान लेते हुए फैसला सुनाया। इस मामले में अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होनी है।याचिका गैर सरकारी संगठन ‘यूथ फॉर इक्वालिटी’ के प्रतिनिधि संजीत शुक्ला ने याचिका दायर की थी।
याचिकाकर्ता का दावा है कि एसईबीसी आरक्षण कानून मराठा समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में क्रमश: 12 से 13 फीसदी आरक्षण प्रदान करता है। यह सुप्रीम कोर्ट के इंदिरा साहनी मामले में दिए फैसले में तय की गई 50 फीसदी आरक्षण सीमा का उल्लंघन है।