केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से योजना के अभाव की वजह से राज्य में कोयले की कमी हुई है और उसका नतीजा बिजली की किल्लत के रूप में सामने आया है।
केंद्रीय रेल, कोयला और खान राज्य मंत्री ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बात करते हुए, महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर कोयले का पर्याप्त भंडारण नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पर्याप्त भंडारण न होने के कारण बिजली की किल्लत हुई है।
दानवे ने कहा, “एमवीए सरकार कोयले की कमी को लेकर हंगामा कर रही है। अगर राज्य सरकार ने पहले से योजना तैयार कर ली होती तो उसे बिजली की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ता।”उन्होंने कहा कि केंद्र के पास पर्याप्त कोयला है और उसने राज्य को देने से कभी इनकार नहीं किया।
मंत्री ने दावा किया, “देश में 80 प्रतिशत कोयले का उत्पादन होता है और 20 प्रतिशत कोयला बिजली कंपनियों द्वारा आयात किया जाता है। हालांकि महाराष्ट्र पर कोयले की खरीद के लिए केंद्र का 3,000 करोड़ रुपये बकाया है, लेकिन हमने संसाधन उपलब्ध कराने से कभी इनकार नहीं किया।”दानवे ने कहा कि राज्य सरकार को गुजरात और मध्य प्रदेश से बिजली खरीदनी चाहिए।
केंद्रीय रेल, कोयला और खान राज्य मंत्री ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बात करते हुए, महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर कोयले का पर्याप्त भंडारण नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पर्याप्त भंडारण न होने के कारण बिजली की किल्लत हुई है।
दानवे ने कहा, “एमवीए सरकार कोयले की कमी को लेकर हंगामा कर रही है। अगर राज्य सरकार ने पहले से योजना तैयार कर ली होती तो उसे बिजली की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ता।”उन्होंने कहा कि केंद्र के पास पर्याप्त कोयला है और उसने राज्य को देने से कभी इनकार नहीं किया।
मंत्री ने दावा किया, “देश में 80 प्रतिशत कोयले का उत्पादन होता है और 20 प्रतिशत कोयला बिजली कंपनियों द्वारा आयात किया जाता है। हालांकि महाराष्ट्र पर कोयले की खरीद के लिए केंद्र का 3,000 करोड़ रुपये बकाया है, लेकिन हमने संसाधन उपलब्ध कराने से कभी इनकार नहीं किया।”दानवे ने कहा कि राज्य सरकार को गुजरात और मध्य प्रदेश से बिजली खरीदनी चाहिए।