कर्नाटक के मेंगलुरु में एक ऑटो रिक्शा में हुए ब्लास्ट को जहां आम धमाका माना जा रहा था, उसके पीछे आतंकी साजिश का खुलासा हुआ है। रिक्शा में कुकर बम ले जा रहा आरोपी खुद इस ब्लास्ट का शिकार हो गया। ब्लास्ट में घायल हुए व्यक्ति की पहचान शारिक के तौर पर हुई है जो मामले का मुख्य आरोपी है।
NIA को सौंपा जा सकता मामला
जानकारी के मुताबिक, मंगलुरु विस्फोट का मामला NIA को सौंपा जा सकता है। वहीं वैश्विक आतंकी संगठन से प्रभावित मंगलुरु विस्फोट के शारिक पर पहले ही यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि शनिवार को मंगलुरु में चलते हुए ऑटो में ब्लास्ट हुआ था। इसके बाद ऑटो में आग लग गई और पूरे ऑटो में धुआं भर गया। घटना में ऑटो का ड्राइवर और शाकिर दोनों ही जल गए हैं। दोनों का अस्पताल में इलाज जारी है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) लॉ एंड ऑर्डर आलोक कुमार ने सोमवार को बताया कि गरोड़ शहर में एक रिक्शा में कुकर बम ले जाने के दौरान हुए विस्फोट में घायल होकर शहर के फादर मल्लार अस्पताल में दाखिल घायल व्यक्ति ही शारिक है। इसे खुद शारिक परिवार ने इस बात की पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि शहर पर बमबारी करने के इरादे से कुकर में बम रखा था। उसने मैसूर में बम बनाया था। उन्होंने कहा कि वे 10 नवंबर को निरीक्षण करने के बाद मेंगलुरु गए थे और मैसूर लौट आए थे। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि आरोपी शारिक को बम तैयार करने में खास महारत हासिल नहीं है। इसलिए इसे विस्फोट करना संभव नहीं था क्योंकि इसे पहले से तैयार किया गया था। कुकर बम ले जाने के दौरान ही फट गया और एक बड़ी आपदा टल गई।
उन्होंने कहा कि आरोपी एक अंतरराष्ट्रीय उग्रवादी संगठन से प्रेरित था। इस कृत्य में और भी कई लोग शामिल हैं, फिलहाल हमने चार लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रहे हैं। हमने मेंगलोर में एक और मैसूर में दो को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि दूसरे को ऊटी में गिरफ्तार किया गया और मैंगलोर लाया गया।
शेल्टर होम में पला बढ़ा है आतंकी
मेंगलुरु विस्फोट के आरोपी शारिक की पृष्ठभूमि के बारे में देखा जाय तो शारिक, शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली तालुक के सोप्पुगुड्डे का रहने वाला है। उसने बचपन में ही अपनी मां को खो दिया था। सौतेली मां शबाना बानो के साथ एक शेल्टर होम में पला बढ़ा है। शारिक बीकॉम ग्रेजुएट है। उसके पिता तीर्थहल्ली में कपडे की दुकान चलाते थे। शारिक भी वहीं काम कर रहा था। वह डिलीवरी बॉय का काम भी करता था। उसके पिता का दो महीने पहले निधन हो गया था, जिसके बाद उसने दुकान की जिम्मेदारी संभाली।