पटना : बिहार विधान परिषद में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के साथ आये परिसर में बाउंसरों का मामला सदन में गूंजा। इस पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एवं विधानमंडल दल के नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ देवी के साथ तीखी नोंक-झोंक हुआ। उपमुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव अपने निजी गार्ड के साथ सदन परिसर में पहुंच गये। जिससे सदस्यों के बीच दहशत मच गया। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान किसी तरह का सुरक्षा बल एवं निजी बाउंसरों का प्रवेश निषेध है तो परिसर में कैसे पहुंचा। इस पर कार्रवाई होगी। वहीं परिषद में प्रतिपक्ष के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपने बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव के बचाव में सरकार एवं प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि सत्र के दौरान कई जगहों पर पुलिस की कड़ी जांच होती है। जांच में चूक होने के कारण बाउंसर प्रवेश कर गये, इसके लिए यहां की पुलिस प्रशासन दोषी है।
राजद सदस्य सुबोध कुमार ने कहा कि इसमें दोषी पुलिस प्रशासन पर कार्रवाई होनी चाहिए। अगर पुलिस सही ढंग से जांच करती तो पूर्व मंत्री के साथ निजी गार्ड नहीं पहुंच पाते। सदन में सुबोध कुमार द्वारा लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव अस्वीकृत होने पर राजद के डा. रामचन्द्र पूर्वे ने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में रोस्टर के हिसाब से 1, 2, 3 सामान्य वर्ग की बहाली की जा रही है। जिसमें ऊपर से तीन सामान्य श्रेणी के आवेदकों को शामिल किया गया है इसमें ओबीसी, एससी, एसटी के अभ्यार्थी वंचित रह जायेंगे। क्योंकि हर महाविद्यालयों में 2, 3 सीट ही खाली है। इस पर हस्तक्षेप करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर केन्द्र सरकार ने निर्णय लिया है कि विश्वविद्यालयों के सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति पुरानी 1200 अंकों के रोस्टर के हिसाब से की जायेगी। इसके लिए केन्द्र एससी-एसटी कानून की तरह अध्यादेश लायेगी, इस पर सत्ता एवं विपक्षी सदस्यों ने उपमुख्यमंत्री के बयानों पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उनका बयान सदन को गुमराह करने वाला है। इस पर कार्यकारी सभापति हारूण रसीद मामले को शांत कराये।
उधर सुशील कुमार मोदी ने रामचन्द्र पूर्वे के अल्पसूचित प्रश्न के उतर को हस्तक्षेप करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की महात्वाकांक्षी गंगा सफाई हेतु नमामी गंगा योजना पूरे देश में चलायी जा रही है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत तीन हजार 237 करोड़ रुपये की राशि गंगा सफाई पर खर्च करना है। गंगा में गिर रहे गन्दे पानी के सफाई हेतु बेऊर, सैदपुर, करमलीचक एवं पहाड़ी के जल निकासी नाले पर काम शुरू कर दी गयी है। शेष दो कंकड़बाग एवं दीघा पर सिवरेज प्लांट लगाने की योजना है इन सभी नालों पर सिवरेज प्लांट लगाकर गंगा सफाई कर दी जायेगी।