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तमिलनाडु विधानसभा चुनाव : कांग्रेस और द्रमुक ने सीट बंटवारे को दिया अंतिम रूप

राव और अलागिरी ने स्टालिन से शनिवार रात यहां उनके आवास पर मुलाकात की और कहा कि समझौते पर रविवार को हस्ताक्षर होंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया था कि कितनी सीटें आवंटित की गई हैं।

तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस और द्रमुक ने सीट बंटवारे डील को अंतिम रूप दे दिया। द्रमुक ने अपनी अहम सहयोगी कांग्रेस को 25 विधानसभा सीटें और कन्याकुमारी लोकसभा सीट दी है। द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन और तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) के अध्यक्ष केएस अलागिरी के बीच सीट बंटवारे के डील पर हस्ताक्षर किए गए।  
कई दिनों तक विचार-विमर्श के बाद, शनिवार देर रात समझौते पर सहमति बनी। कांग्रेस नेता एवं पार्टी की तमिलनाडु इकाई के प्रभारी दिनेश गुंडु राव ने संवाददाताओं से कहा कि जब देश अनेक‘खतरे’ का सामना कर रहा है, ऐसे में ‘‘सहयोग की भावना’’ के तहत समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। राव और अलागिरी ने स्टालिन से शनिवार रात यहां उनके आवास पर मुलाकात की और कहा कि समझौते पर रविवार को हस्ताक्षर होंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया था कि कितनी सीटें आवंटित की गई हैं। 
यह पूछे जाने पर कि क्या वह सहयोगी दल द्वारा आवंटित सीटों की संख्या से संतुष्ट हैं, राव ने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य द्रमुक नीत धर्मनिरपेक्ष मोर्चे की जीत सुनिश्चित करना है। राव ने कहा, ‘‘समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद हमें संतुष्ट होना होगा, क्योंकि काफी विचार-विमर्श के बाद यह समझौता किया गया है। हमारा एकमात्र लक्ष्य यह है कि धर्मनिरपेक्ष मोर्चे की जीत हो।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘संतुष्ट एवं असंतुष्ट होने का समय पूरा हो गया है। अब हम युद्धक्षेत्र में हैं। हमें अपने विपक्षियों से मुकाबला करना होगा।’’ उन्होंने कहा कि द्रमुक का प्रस्ताव स्वीकार करने का निर्णय सभी वरिष्ठ नेताओं एवं आला कमान से विचार-विमर्श के बाद लिया गया और ‘‘इस मामले पर हमारी पार्टी के भीतर कोई मतभेद नहीं है’’। 
अलागिरी ने कहा, ‘‘हम पूरी तरह संतुष्ट हैं।’’ राव ने कहा कि भगवा दल के खिलाफ केवल विचारधारा की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह उसके चंगुल से ‘‘लोकतंत्र को बचाने’’ की जंग हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि देश को ‘‘तानाशाही’’ की तरह चलाया जा रहा है और विपक्षी दलों की निर्वाचित सरकारों को अपदस्थ कर दिया गया है। हाल में, पड़ोसी पुडुचेरी में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद पार्टी की सरकार ने बहुमत खो दिया और मुख्यमंत्री वी नारायणसामी के मंत्रिमंडल को इस्तीफा देना पड़ा। 
राव ने आरोप लगाया कि बीजेपी विपक्षी दलों को अस्थिर और समाप्त करने के लिए ‘‘धन और सरकारी’’ ताकत का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘तमिलनाडु में भी उसका एजेंडा यही है।’’ राव ने कहा, ‘‘देश इस समय बहुत खतरनाक स्थिति में है।’’ उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में द्रमुक, कांग्रेस, वाम और क्षेत्रीय संगठनों का धर्मनिरपेक्ष मोर्चा देशभर में संदेश भेजेगा कि जब समान सोच वाले दल हाथ मिलाते हैं, तो ‘‘फासीवादी ताकतों’’ को अपने पैर जमाने से रोका जा सकता है। 
राव ने कहा कि कांग्रेस हमेशा लोकतांत्रिक सिद्धांतों के साथ खड़ी होती है। उन्होंने तमिलनाडु एवं पुडुचेरी में अपने मोर्चे की जीत का भरोसा जताया। कन्याकुमारी लोकसभा सीट से 2019 में निर्वाचित एच वसंतकुमार के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव अनिवार्य हो गया है। वसंतकुमार का कोविड-19 के कारण निधन हो गया था। 
द्रमुक ने अब तक अपने सहयोगियों को 48 सीटें दी हैं। कांग्रेस को 25, एमडीएमके, विदुथलाई चिरुथिगाल काची (वीसीके) और माकपा को छह-छह सीटें, आईयूएमएल को तीन और मनिठान्या मक्कल काची को दो सीटें दी गई हैं। 

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