तमिलनाडु में सोमवार को विधानसभा का पहला सत्र शुरू होने के साथ ही खूब हंगामा हुआ। और सत्तारूढ़ द्रमुक के सहयोगी दलों के विधायकों की नारेबाजी के बीच, राज्यपाल आर.एन. रवि ने अपना पारंपरिक संबोधन दिया।
बता दें कि सदन की बैठक शुरू होने पर रवि ने तमिल में अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने सदस्यों को नए साल की और फसल तैयार होने पर मनाए जाने वाले उत्सव ‘पोंगल’ की बधाई दी।इसी बीच सत्तारूढ़ द्रमुक के सहयोगी दलों के विधायकों ने राज्यपाल के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने ‘‘तमिलनाडु वाझगवे’’ (तमिलनाडु अमर रहे) और ‘‘एंगल नाडु तमिलनाडु’’ (तमिलनाडु हमारी भूमि है) के नारे लगाए। बहरहाल, कुछ देर बाद नारेबाजी बंद हो गई।राज्य में कांग्रेस, भाकपा और माकपा सत्तारूढ़ द्रमुक के सहयोगी दल हैं।
मद्रास का नाम बदलकर तमिलनाडु कर दिया गया था
द्रमुक और सहयोगी दलों ने रवि के रुख का कड़ा विरोध करते हुए उन पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विचारधारा को मानने का आरोप लगाया। तमिझगम और तमिलनाडु दोनों का मोटे तौर पर मतलब है, ‘तमिलों की भूमि।’ तमिझगम विवाद पर भाजपा ने रवि का समर्थन किया है। 1967 में द्रमुक के सत्ता में आने के बाद तत्कालीन मद्रास राज्य का नाम बदलकर तमिलनाडु कर दिया गया था।यहां के पास परंदूर हवाई अड्डा परियोजना के लिए किसानों के विरोध समेत कई अन्य मुद्दों की गूंज सदन में सुनाई देने की उम्मीद है।
अन्नाद्रमुक के अंतरिम महासचिव के पलानीस्वामी (विपक्ष के नेता) और अपदस्थ पार्टी संयोजक ओ पन्नीरसेल्वम के बीच गतिरोध अब भी अदालत में जारी है, और यह देखा जाना बाकी है कि उनकी आपसी रस्साकशी सदन में परिलक्षित होती है या नहीं।